नाहन (शैलेंद्र कालरा) : महज 25 साल की उम्र में माता-पिता का होनहार बेटा IPS बन गया था। चूकिं IPS बनने से पहले IIT चेन्नई से इलैक्ट्रिक ट्रेड में बीटेक करने के बाद कम्युनिकेशन में एमटेक की पढाई की थी लिहाजा चाहते तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों में लाखों का पैकेज भी ले सकते थे। लेकिन IPS बनने का सपना मन में घर कर चुका था। तकरीबन 2 साल तक MNC में नौकरी भी की। जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य 2012 में मिला जब 25 साल की उम्र में IPS बनने का गौरव हासिल हुआ। मूलतः जयपुर के रहने वाले रोहित मालपानी ने शनिवार देर शाम सिरमौर में बतौर पुलिस अधीक्षक कार्यभार संभाल लिया है। 4 दिन हमीरपुर में भी पहली बार SP बनने के बाद उनका स्थानातंरण किन्नौर के SP के तौर पर कर दिया गया।
जनजातीय जिला में एक साल की सेवाओं के दौरान उपलब्धियां बेशुमार है। इसमें ट्रैफिक व्यवस्था के साथ-साथ चीन बार्डर पर पुलिसकर्मियों के रहने की व्यवस्था में सुधार इत्यादि शामिल है। एक साल की सेवा के दौरान भगोडे अपराधियों को दबोचने में किन्नौर पुलिस ने रिकार्ड बनाया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बतौर IPS अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद प्रोबेशन पीरियड में सबसे पहली शुरूआत पांवटा साहिब से ही की। लिहाजा इस कस्बे की रग-रग से वाकिफ है। बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक अपनी सेवाएं बिलासपुर में दे चुके है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में नवनियुक्त SP रोहित मालपानी ने कहा कि सडक दुर्घटनाओं में कमी लाना सबसे बडी प्राथमिकता होगी। इसके अलावा नशाखोरी में संलिप्त लोगों की धरपकड के अलावा भगौडो को दबोचना भी प्राथमिकता में होगा।
21 जून 1986 को जन्मे युवा IPS अधिकारी का कहना यह भी है कि शैक्षणिक योग्यता की पृष्ठभूमि का प्रोफेशनल जीवन में फायदा मिलता है। उनका कहना है कि इलैक्ट्रिकल इंजीनयरिंग में बीटेक का पुलिसिंग में मेल नहीं है लेकिन आपका एप्टीटयूड पर असर जरूर पडता है। सनद रहें कि आज की मौजूदा उच्च तकनीक का इस्तेमाल करने में भी युवा IPS अधिकारी माहिर है।
इस तरह से शुरू हुआ हिमाचल में कैरियर
उनकी कैरियर की शुरूआत वर्ष 2014 में हिमाचल के पांवटा साहिब से शुरू हुई। पंजाब व हिमाचल की सीमा पर स्थित इस थाने में सबसे अधिक क्राईम व नशा खोरी का कारोबार चलता है। यहां पर उन्होंने बतौर SHO पहली ज्वाइनिंग लेकर हिमाचल की सुरक्षा व्यवस्था में जुटी पुलिस के साथ कंधा मिलाना शुरू कर दिया। इसके बाद पदोन्नति में उन्हें ASP बिलासपुर की जिम्मेवारी सौपी गई। 20 फरवरी को उन्हें शिमला अतिरिक्त अधीक्षक का जिम्मा दिया गया। यहां पर छह माह का कार्यकाल पूर्ण करने उपरांत उन्हें हमीरपुर पुलिस अधीक्षक का कार्यभार सौंपा है ।