शिमला / नाहन (एमबीएम न्यूज): प्रदेश के जिला शिक्षा प्रशिक्षण केंद्रों (डाईट) में पढ़ रहे हजारों छात्रों को अपने भविष्य का डर सता रहा है। हो भी क्यों न, अंतिम समय में छात्रों को बताया गया है कि 20 जुलाई से हो रही परीक्षाएं पुराने पाठयक्रम के आधार पर होंगी। इस बाबत प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना भी जारी की थी। इन परीक्षाओं का आयोजन स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा करवाया जा रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि 2015-17 बैच के दाखिले डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन के आधार पर हुए थे। लेकिन अब छात्रों को जेबीटी पार्ट-1 के एडमिट कार्ड थमा दिए गए हैं। लिहाजा छात्रों में असमंजस पैदा हो गया है कि वह डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर जेबीटी की। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को इन बॉक्स में लगातार डाईट में पढ़ रहे छात्रों की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। एक छात्र ने कहा कि एनसीटी की शर्तों के मुताबिक अगर उन्हें जेबीटी का प्रमाणपत्र मिलता है तो वह टैट के सी-1 व सी-2 से वंचित हो जाएंगे।
छात्रों के तर्क को माना जाए तो कोर्स के पहले 10 महीनों में पुराना पाठयक्रम पढ़ाया गया। इसके बाद मार्च महीने से नया पाठयक्रम लागू किया गया। लेकिन अब परीक्षा से चंद रोज पहले यह कह दिया गया कि परीक्षा पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर होगी। खास बात यह है कि जेबीटी को 2015 में डाइड कैडर में डाल दिया गया था। अभ्यार्थियों ने निदेशालय के भी चक्कर काटे हैं, जहां से उन्हें यह कहा जा रहा है कि डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन दिया जाएगा। संशय इस बात पर है कि जब विभाग अलग से कोई आदेश जारी नहीं कर रहा है तो कैसे मान सकते हैं कि जेबीटी के पाठयक्रम पर डीईएलईडी का डिप्लोमा कैसे मिल सकता है।
उधर डाईट प्रधानाचार्य एमएस ठाकुर का कहना है कि छात्रों में असमंजस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक एडमिट कार्ड का सवाल है तो त्रुटि को सुधार लिया गया है। अब एडमिट कार्ड पर स्पष्ट तौर पर जेबीटी की बजाय डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन लिखा गया है।