नेरचौक (अमीता सेन) : बल्ह विधानसभा के एकमात्र नागरिक अस्पताल रत्ती में चिकित्सकों के उपलब्ध न होने से गरीब जनता को परेशानीयां उठानी पड़ रही हैं। अस्पताल का दर्जा बढे करीब दो वर्ष हो गए हैं, मगर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति होना तो दूर दिन के समय एक भी एमबीबीएस चिकित्सक उपलब्ध नहीें होता । अस्पताल की ओ.पी.डी आयुर्वेदिक स्टाफ के सहारे ही चलाने का प्रयत्न किया जा रहा है। बीमार लोग व उनके तामीरदार अस्पताल में ईलाज करवाने हेतू आते हैं, मगर अस्पताल में कोई भी चिकित्सक न होने के चलते मरीजों को ईलाज करवाए बिना ही लौटना पड़ता है, वहीं गंभीर बीमार को महंगा इलाज करवा अपने खून पसीने की गाढी कमाई को निजी अस्पतालों में खर्च करना पड़ रहा है। बल्ह घाटी की जनता को सरकार द्वारा नागरिक अस्पताल बनाने पर उम्मीद जगी थी, कि अब सुंदरनगर, मंडी सरकारी अस्पतालों में भारी भीड़ का सामना न कर रत्ती अस्पताल में ही बेहतर विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होंगे। किंतु विशेषज्ञ तो दूर एमबीबीएस डाक्टर भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। जिस पर लोगों में स्वास्थ्य विभाग के रवैये को लेकर खासा रोष व्याप्त है। गौरतलब है कि बल्ह घाटी की दर्जनों पंचायतों के लोगों का स्वास्थ्य लाभ हेतू यहां आना जाना होता है। करीब 200 मरीजों की रोजाना ओपीडी होती है। लेकिन चिकित्सक न होने की वजह से अब वो भी कम होती जा रही है।
बीएमओ सहित चिकित्सकों के पद खाली
नागरिक अस्पताल रत्ती में चिकित्सको के छः पद स्वीकृत हैं लेकिन अस्पताल में तीन ही चिकित्सक तैनात हैं। जिनमें से दो रात्री सेवाए व कोर्ट ऐवीडेंस होने के चलते दिन में मरीज नहीं देख पाते। यही नहीं अस्पताल रत्ती को कार्यकारी खंड चिकित्साधिकरी के माध्यम से ही चलाया जा रही है। दो वर्ष बीत जाने के उपरांत भी स्थायी खंड चिकित्साधीकारी की तैनाती नहीे हो पाई है। जबकि रत्ती स्वास्थय खंड जिला का सबसे बड़ा चिकित्सा खंड है।
कहां से लांऊ चिकित्सक प्लीज ताला ही लगा दो
प्रधान हिमाचल लबाणा हितकारी सभा व अन्य पिछड़ा कल्याण बोर्ड सदस्य गोबिंद राम नायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि रत्ती अस्पताल में कोई भी चिकित्सक न मिलने पर जब उन्होने बीएमओ अविनाश को फोन किया तो बीएमओ ने समस्या को सुनने की बजाए कहा कि चिकित्सक कहां से लांऊ कृपया आप अस्पताल में ताला ही लगा दें। वहीं उन्होने अस्पताल के एम.ओ पर भी मनमानी के आरोप लगाए हैं। गोविंद नायक ने स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगाई है कि जो आदेश स्वास्थ्य मंत्री ने 17 जून को जिला शिकायत निवारण समिती की बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सकों के सप्ताह में छः दिन रत्ती अस्पताल बैठने के जो निर्देश दिए थे उनकी सरेआम अवहेलना की जा रही है। गैर जिम्मेदाराना रवैये अपनाए चिकित्सको पर उचित कार्रवाई की जाए तथा रत्ती अस्पताल में स्थाई बीएमओ सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाए।
कार्यकारी खंड चिकित्साधिकरी रत्ती डा. अविनाश ने कहा कि मै स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम में हूं, अभी किसी प्रकार की बात नहीे कर सकता।
प्रधानाचर्य एवं डीन एलबीएस मैडिकल कॉलेज नेरचौक डॉ० डी. एस धीमान ने कहा कि कल सुचना मिलते ही चिकित्सको को भेजा गया था।
प्रिंसीपल सैक्रेटरी हैल्थ प्रदेश सरकार प्रबोध सक्सेना ने बताया कि मामले के संबंध में सीएमओ मंडी से बात करके उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।