मंडी (वी कुमार) : वनरक्षक होशियार सिंह की मौत कैसे हुई इसका खुलासा जल्दी होना चाहिए। वन विभाग कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय वनपरिक्षेत्राधिकारी पंडोह पीरसहाय ठाकुर ने यह शब्द जंजैहली में मृतक वनरक्षक होशियार सिंह के घर उनकी बूढ़ी दादी से मिलने के बाद कहे। उन्होंने कहा कि वनपरिक्षेत्र पंडोह से तमाम कर्मचारी मृतक होशियार सिंह के घर पहुंचे तथा जब उनकी दादी मां से मिले तो मंजर बेहद दर्दनाक था। होशियार सिंह की मौत वन विभाग के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है।
वनरक्षक होशियार सिंह की मौत के बारे में विभिन्न जांच एजैंसियों काम कर रही हैं मगर अभी तक वनरक्षक की मौत का खुलासा नहीं हो पाया है जिससे वन विभाग के कर्मचारी और स्वयं मृतक की दादी दुखी है। उन्होंने कहा कि वन विभाग नए वनरक्षकों को सीधे तौर पर बीट में तैनात कर रहे हैं जबकि विभाग को चाहिए था कि वह पुराने वनरक्षक के साथ उन्हें साल-दो अटैच करके सीखने का मौका देते।
सरकार ने हाल ही में वनरक्षकों को वैपन मुहैया करवाने का ऐलान किया है मगर अभी तक इसके बारे में कोई पॉलिसी तैयार नहीं हुई जिससे वन विभाग के फील्ड स्टाफ में रोष है। आए दिन फील्ड स्टाफ पर समाज विरोधी तत्वों व जंगली हिंसक जानवरों के हमले हो रहे हैं तथा कर्मचारी अपनी जान गंवा रहे हैं। जिस प्रकार वनरक्षक होशियार सिंह को अपनी जान गंवानी पड़ी भविष्य में किसी वन विभाग के कर्मचारी को ऐसा समय न देखना पड़े इसके लिए विभाग को वन विभाग के फील्ड स्टाफ के लिए जो भी तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवानी है, उन्हें समय पर उपलब्ध करवाए।
इस अवसर उन्होंने वन विभाग पंडोह परिक्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा इकठ्ठा की गई सहायता राशि 7500 मृतक वनरक्षक की दादी को सौंपी। उन्होंने कहा कि होशियार सिंह का परिवार गरीबी रेखा से नीचे की जिदंगी बसर कर रहा है तथा वन विभाग के तमाम कर्मचारियों को उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए।