सुंदरनगर (अश्वनी) : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में स्थापित ब्यास सतलुज लिंक परियोजना क्षेत्र में बीबीएमबी प्रबन्धन द्वारा बरती जा रही लापरवाही ना केवल 990 मेगावाट बिजली उत्पादन को प्रभावित कर सकती है, बल्कि हजारो लोगो के जीवन को संकट में डालने के साथ भारी तबाही भी ला सकती है। हालाँकि समय समय पर कामगार संघ परियोजना क्षेत्र में विभिन्न खामियों को उजागर कर प्रबन्धन को सचेत करते रहते है, बावजूद इसके परियोजना क्षेत्र में भारी अनियमताए बरती जा रही है।
यदि हम ब्यास नदी पर स्थापित पंडोह डैम की बात करे तो यहां पर पिछले कई दशको पूर्व तैनात की गई करोड़ो रूपए मूल्य की क्रेने रिपेयर ना होने के चलते बेकार खड़ी है। इससे पूर्व भी कुछ मशीनों को धक्के से चलाया जाता रहा है।
बरसात का सीजन जोरो पर होने के चलते डैम में भारी मात्रा में इकठ्ठा होने वाले कचरे को निकालने वाली इलेक्ट्रिक ओवर हैड मशीने कभी भी जवाब दे सकती है। ऐसे हालात में 40-50 टन क्षमता वाली हैवी ड्यूटी मशीनरी ही उपयोग में लाई जाती है। लेकिन यहां पर स्थापित बहुमूल्य सीएल-79 व सीबी-21 अमेरिकन मोटो क्रेने खराब पड़ी हुई है।
वही यहा पर एक अन्य ओमेगा हाइड्रोलिक क्रेन भी स्थापित की गई है, लेकिन यह मशीन कुछ वर्ष पूर्व दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, इसकी मुरम्मत पर तकरीबन बीस लाख रूपए के करीब खर्चे जाने उपरांत भी यह भी अभी दरुस्त नही हो पाई है। वही लाखो रूपए से खरीदे गए नए स्पेयर पार्ट बीबीएमबी के स्टोरों में जंग खा रहे है।
अमेरिका ने उपहार में दी थी मोटो क्रेन
1960-70 के दशक में बीएसएल परियोजना के निर्माण के दौरान तकरीबन चार अमेरिकन मोटो क्रेने लाई गई थी। इनमे एक अमेरिकन मोटो क्रेन सीबी -21 भाखड़ा डैम के निर्माण उपरांत अमेरिका ने उस समय भारत के प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू को उपहार स्वरुप सौंपी थी । जबकि ओमेगा हाइड्रोलिक तकरीबन 20 वर्ष पूर्व पुरानी है। जो पिछले 7 वर्षो से बेकार पड़ी है।
बीबीएमबी प्रबन्धन द्वारा परियोजना क्षेत्रो में भारी अनियमताए बरती जा रही है। जिसके चलते विभिन्न क्षेत्रो में जरूरी करोड़ो की मशीनरी बेकार पड़ी हुई है” सौदागर सिंह चैहल,अध्यक्ष भाखड़ा ब्यास इम्प्लाइज यूनियन (एटक)इलेक्ट्रिक ओवर हेड मशीनों से डैम क्षेत्र में कार्य सुचारू रूप से चला हुआ है। आगामी बरसात सीजन से पूर्व समय पर मशीनों को दरुस्त करने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा “जे.पी.गुप्ता, अतिरिक्त अधीक्षण अभियन्ता बी बीएमबी