बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा): भाजपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुभाष शर्मा ने बिलासपुर अस्पताल की खस्ताहालत और चिकित्सक की कमी के चलते पिछले दिनों आमरण अनशन किया था। इस दौरान वो 9 दिन तक आमरण अनशन पर बैठे थे। जिसके बाद प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री के आश्वाशन के बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म किया था।
अब सुभाष शर्मा ने इस बात पर भारी आश्चर्य व चिंता व्यक्त की है कि स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर व विधायक बंबर ठाकुर के स्पष्ट आश्वासन के बावजूद भी आज 12 दिन बीत जाने पर भी अस्पताल में किसी भी डाक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। न ही किसी ने अभी तक कार्यभार ही संभाला है जिस कारण यहां प्रतिदिन आने वाले सैंकड़ों रोगी निरंतर परेशान हो रहे हैं जबकि कुछ निजी अस्पताल आम रोगियों को दोनों हाथों से लूटने में व्यस्त हैं।
सुभाष शर्मा ने कहा कि बिलासपुर की जनता के साथ किए गए इस विश्वासघात से वे बहुत आहत व दु:खी हैं। इसलिए उन्हें दोबारा अपना आमरण अनशन पुन: आरंभ करने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह गया है। इसलिए आज वे हिमाचल सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रहे हैं कि यदि 5 जुलाई तक सभी विशेषज्ञ व अन्य डाक्टरों की नियुक्ति नहीं की जाती है तो वे 6 जुलाई से स्वास्थ्य मंत्री के आवास के बाहर शिमला में एक बार फिर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। जिसके सभी परिणामों को दायित्व हिमाचल सरकार, स्वास्थ्य मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री पर होगा।
सुभाष शर्मा ने कहा कि पिछले साढ़े 4 वर्षों से यह अस्पताल डाक्टर विहीन होकर रह गया है क्योंकि सरकार द्वारा इस जिला से पूर्ण भेदभाव और इसकी निरंतर अवहेलना की जा रही है। इस अस्पताल में उस समय जब 25 डाक्टरों के पद स्वीकृत थे तब आज से एक तिहाई रोगी संख्या थी किंतु अब रोगियों की संख्या तीन गुणा अधिक बढ़ जाने के बाद भी केवल 14 डाक्टर ही नियुक्त किए गए हैं जिनमें भी 3 आंखों, 3 दांतों के जबकि सर्जन और दवाई विशेषज्ञ तथा हड्डी विशेषज्ञ डाक्टर नहीं हैं जिस कारण प्रति दिन सैंकड़ों रोगी जहां विभिन्न प्रकार की बीमारियों के कारण कष्ट झेल रहे हैं।
वहीं प्राइवेट अस्पतालों में बुरी तरह से लूट का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इस संदर्भ में 22 जून को जिलाधीश के माध्यम से सरकार को विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे जिसमें वे दोबारा अनशन पर बैठने के लिए विवश करने की भी वे विधिवत सूचना देंगे।