नाहन (एमबीएम न्यूज): कौशल विकास भत्ते में ऑटो डेबिट के खेल पर सरकार व प्रशासन की खामोशी से शक अब यकीन में बदलने लगा है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि रोजगार व श्रम विभाग ने आज भी यही दोहराया है कि शिकायत नहीं मिली है। अपने स्तर पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया जा सकता। दो सालों में 11 करोड़ रुपए का बजट खर्च हो चुका है, लेकिन विभाग की बेबसी भी कमाल की है। यह तक पता करने की कोशिश नहीं हो रही है कि वास्तव में ऐसा हुआ भी है या नहीं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क लगातार तीन दिन से खबर प्रकाशित कर रहा है। इसका विभाग ने न तो कोई खंडन किया है न ही कोई लिखित प्रतिक्रिया दी है। लिहाजा यह बात सौ फीसदी तय हो गई है कि कौशल विकास भत्ते में ऑटो डेबिट का खेल चल रहा है। विभाग चाहता तो एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबरों का संज्ञान लेकर इस पर जांच करवा सकता था। सूत्रों का कहना है कि अगर कोई जांच एजेंसी इस मामले की तफ्तीश करती है तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। लिहाजा सरकारी अमला खामोश रहने में ही बेहतरी समझ रहा है।
उधर वीरवार को भी जिला रोजगार व श्रम अधिकारी बलवंत वर्मा से इस मामले का अपडेट लिया गया तो आज भी वही पुराना जवाब मिला कि कोई शिकायत नहीं आई है। यह अलग बात है कि एमबीएम न्यूज नेटवर्क को ऊना के अंब से भी फोन पर इस खेल के बारे में प्रतिक्रिया मिली है। साथ ही हरिपुरधार व संगड़ाह से भी लोग लगातार इस मामले को उठाने की मांग कर रहे हैं। विभाग को सोशल मीडिया में आ रही प्रतिक्रियाओं से भी कोई सरोकार नहीं है। विभाग को एक कागज पर शिकायत चाहिए। शिकायत भी उस छात्र की होनी चाहिए, जिसके खाते में ऑटो डेबिट का इस्तेमाल किया गया हो।