शिमला (एमबीएम न्यूज) : नगर निगम के प्रचार के सिलसिले में राजधानी पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि निगम चुनाव में भाजपा के पक्ष में जबरदस्त हवा बनी हुई है तथा शहर के निवासी इस बार स्पष्ट तौर पर भाजपा का प्रभुत्व चाहते हैं, जिसके बाद भाजपा प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी जीत कर सत्ता में काबिज होगी। नड्डा ने माकपा और कांग्रेस पार्षदों पर सरकार की मिलीभगत से नगर निगम के नागरिक मामलों के कूप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं के कारण ही नगर स्मार्ट सिटी की दौड़ से पिछड़ा।
नड्डा ने यहां प्रेस कांफ्रेस में कहा कि शहर की पानी की विकराल समस्या तथा शहर में हर रोज लगते यातायात जाम को नियंत्रित करना निगम चुनाव में पार्टी की प्रमुख प्राथमिकताएं रहेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने माकपा तथा कांग्रेसी पार्षदों से मिलकर नगर निगम चुनाव को टालने का षडयंत्र रचा था, लेकिन हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से राहत मिली और उनकी चाल को सफल नहीं होने दिया।
नड्डा ने कहा कि राज्य सरकार तथा नगर निगम ने राजधानी के सौंदर्यीकरण के लिए मिली एशियन विकास बैंक की राशि का दुरूपयोग किया और माॅल रोड पर सौंदर्यीकरण के नाम पर पुरानी पहाड़ी शिल्पकला से मेल खाती लोहे की सुंदर रेलिंग को उतारकर स्टील और लकड़ी की रेलिंग लगा दी तथा पुरानी लोहे की भारी रेलिंग को कबाड़ समझकर कहीं फेंक दिया।
केंद्र सरकार ने हिमाचल के लिए 61 नेशनल हाईवे घोषित किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा इन हाईवे के लिए धनराशि राज्य सरकार की बजाय संबंधित एजेंसी को भेजी जानी है। इसके लिए भारत सरकार ने नियमों में सरलीकरण किया है। इन घोषित हाईवे की डीपीआर कांग्रेस सरकार को ही बनानी है, लेकिन वीरभद्र सरकार का इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं है। सरकार अपनी कुर्सी बचाने के प्रबंधन में व्यस्त है और एक सुनहरा मौका अपने हाथ से गंवा रही है।
नड्डा ने कहा कि केंद्र ने हिमाचल के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों की घोषणा की है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध न करवाने के चलते ये प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर सके हैं। इन प्रोजेक्टों में शिमला में सूपरस्पेशिलिटी ब्लाॅक, कैंसर रिसर्ज सैंटर, नेशनल सैंटर आॅफ डिजीज कंट्रोल इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा शिमला में पीलिया फैलने के बाद केंद्र ने शिमला में एक रोग नियंत्रण केंद्र खोलने की मंजूरी दी थी, लेकिन इसके लिए आज तक सरकार ने जमीन मुहैया नहीं करवाई।
उन्होंने कहा कि पीजीआई की भीड़ कम करने के लिए उना जिले में पीजीआई का सैटेलाइट सेंटर खोलने को केंद्र ने मंजूरी दी है। इसमें 300 बैड, 8 सूपरस्पेशिलिटी, 150 डाॅक्टर और 850 के लगभग अन्य स्टाॅफ होगा। यह सैंटर पूरी तरह पीजीआई चंडीगढ़ के नियंत्रण में रहेगा। इस सैंटर का निर्माण कार्य तभी शुरू हो पाएगा, जब राज्य सरकार 25 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाएगी।
नड्डा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देने की मांग की और कहा कि आजकल सारी राज्य सरकार मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने में लगी हुई है तथा प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का भी आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का अपना कार्यालय भी शक के घेरे में आया हुआ है।