बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : भारत-पकिस्तान के मध्य खेले जाने वाले एक दिवसीय क्रिकेट मैच का पूर्व सैनिको ने विरोध किया है। शनिवार को दी ऋषि मार्कंडेय भूतपूर्व सैनिक परिवहन सहकारी सभा एवं कल्याण सभा समिति की जुखाला में एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता सभा अध्यक्ष कैप्टन सुरेंद्र ने की। बैठक के दौरान पूर्व सैनिको ने एक मत से भारत-पाकिस्तान के मध्य खेले जाने वाले क्रिकेट मैच का विरोध किया।
कैप्टन सुरेन्द्र ने कहा कि आज के समय में पाकिस्तान हमारी लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल के ऊपर जहां लगातार भारतीय चौकियो के ऊपर फायरिंग कर रहा है, वहीँ कश्मीर में भाड़े के पत्थरबाज और उग्रवादी भेज रहा है। पाकिस्तान से भारत की कोई भी वार्ता नही हो रही है, फिर इस देश के साथ क्रिकेट मैच खेलने का क्या औचित्य है। कैप्टन सुरेन्द्र ने कहा कि पाकिस्तान की फायरिंग से जहाँ रोजाना भारत के गाँव उजड रहे है, वहीँ हमारे सैनिक भी शहीद हो रहे है।
उन्होंने बीसीसीआई के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा कि बीसीसीआई को अपनी आमदनी चाहिए और बीसीसीआई को पाकिस्तान के साथ मैच खेलने में बहुत मजा आता है क्यूंकि इस मैच से उनकी आमदनी में काफी बढ़ोतरी होती है। बीसीसीआई को अपनी आमदनी चाहिए उन्हें देश से कोई लेना देना नही जिसके चलते उन्हें दुश्मन देश के साथ खेलने में बहुत मजा आता है।
कैप्टन सुरेन्द्र ने बीसीसीआई और भारतीय खिलाडियों पर भड़ास निकालते हुए कहा कि बीसीसीआई के अधिकारी और भारतीय क्रिकेटर एक बार पकिस्तान की सीमा में जाए तब उन्हें मालूम होगा कि यह देश भारत के साथ क्या-क्या कर रहा है और कैसे एक सैनिक अपने देश से हजारो किमी दूर इन सीमाओं पर अपनी ड्यूटी कर देश की रक्षा कर रहा है। कैप्टन सुरेन्द्र ने कहा कि जब एक सैनिक देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देकर शहीद होता है तो सरकार उसे मात्र 5 लाख रु देती है और जब कोई खिलाड़ी मैच जीत कर आता है तो उसे पांच करोड़ रु देकर सम्मनित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि खिलाडियों और बीसीसीआई को केवल मात्र पैसे से मतलब है न कि देश की सुरक्षा से अगर इन खिलाडियों और बीसीसीआई को देश की सुरक्षा से मतलब होता तो यह कभी भी इस मैच को नही खेलते। बिलासपुर जिला के सभी पूर्व सैनिको ने इस मैच का विरोध किया है। इस बैठक में सभा के महासचिव जोगिन्द्र ठाकुर उपाध्यक्ष सूबेदार दौलत राम सूबेदार बसंत ठाकुर सूबेदार कृष्ण दास रोशन लाल जोगिन्द्र नन्द लाल सूबेदार चुनीलाल सहित लगभग 70 पूर्व सैनिको ने भाग लिया।