शिमला (एमबीएम न्यूज) : नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा ने माकपा शासित नगर निगर और कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा मंडल ने नगर निगम विरूद्व चार्जशीट उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को सौंपी है। इस चार्जशीट में कई आरोप लगाए गए हैं। पार्टी ने माकपा के साथ-साथ सताधारी कांग्रेस सरकार की भी घेराबंदी की है। चार्जशीट में कहा गया है कि बीते 4-5 सालों में माकपा और कांग्रेस के गठजोड़ से कई घोटाले हुए। पर्यटन मानचित्र पर मशहूर शिमला सफाई के मामले में 47वें पायदान पर पहुंच गया है। भाजपा ने दो साल पहले शिमला में फैले पीलिया के मामले को चार्जशीट में प्रमुखता से जगह दी है। भाजपा ने कहा है कि निगम की लापरवाही से शहरवासियों को मल-मूत्र मिला पानी पिलाया गया। जिसके कारण 32 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पडा तथा हज़ारों लोग पीलिया रोग से ग्रस्त हुए जो कि एक लापरवाही ही नहीं एक भयंकर अपराध है, जिसके लिए दोषियों को दण्डित किया जाना चाहिए।
अपनी चार्जशीट में भाजपा ने कहा है कि नगर निगम प्रशासन शहरवासियों को पीने का पानी मुहया करवाने में नाकाम रहा है। मेयर व डिप्टी मेयर ने 24 घंटे पानी देने का वायदा किया था, लेकिन शहर के लोगों को महीने में 7 दिन पानी मिल रहा है। जबकि निगम द्वारा पानी का बिल पूरे माह का वसूला जा रहा है। इसके अलावा जनता से सीवरेज सैस के नाम पर अवैध वसूली का भी आरोप लगाया गया है।
चार्जशीट में कहा गया है कि शिमला के सभी सिवरेज ट्रिटमेन्ट प्लाॅट भ्रष्टाचार के अड्डे बने हुए हैं तथा ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार हो रहा है। सिवरेज ट्रिटमेंट प्लाॅट जहाँ पानी में गन्दगी फैला रहा है वहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
चार्जशीट के अन्य आरोपों में यूनिट एरिया मैथड थोप कर जनता पर टैक्स का बोढ बढ़ाना, ग्रीन टैक्स के नाम पर प्रर्यटकों के लिए कोई सुविधा दिए बिना वसूली करने और शिमला मे अवैध निर्माण की आढ़ में भ्रष्टाचार बढ़ाने का आरोप नगर निगम पर लगाया गया है।
भाजपा ने चार्जशीट में कहा है कि शिमला मे भरयाल कुड़ा संयंत्र से एक ठेकेदार भाग गया तथा अब दूसरी कंपनी को काम सौंपा गया है। इस कुड़ा संयंत्र के निर्माण व कार्य की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
चार्जशीट में मुख्यमंत्री के निजी आवास हाॅलीलाॅज को जाने वाली सड़क के निर्माण का भी जिक्र है। भाजपा ने कहा है कि इस सड़क को चौड़ा करने के लिए जबरदस्ती निजी भूमि लेने के लिए अधिकारियो द्वारा दबाव डाला जा रहा है तथा जोधा निगम स्थित पार्किंग के साथ खड़े हरे पेडों को काटने की अनुमति नगर निगम व सरकार द्वारा किस आधार पर दी गई। जबकि वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वन व पेडो को काटने से रोकने हेतु नगर निगम की पार्किंग की ऊपरी मंजिल के निर्माण को रोक दिया था। इसी प्रकार हाॅलीलाॅज में गैस्टहाउस के निर्माण के लिए नगर निगम व सरकार द्वारा ही पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान कर अपराध किया गया
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि एशियन विकास बैंक के सहयोग से मालरोड़ क्षेत्र के सौदर्यकरण परियोजना को बदला जा रहा है, हरियाली के स्थान पर कंकरीट की दिवारें बनाई जा रही है अनारकली के जंगलो को बदल कर घटिया लोहे के जंगले लगाए जा रहे हैं । मालरोड़ के दोनों तरफ पत्थर बिछा कर सड़क को संकरा किया जा रहा है। वर्षा शालिकाओं को हैरीटेज़ की अनदेखी की जा रही है तथा निर्माण कार्यो मे भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।
इसके अलावा जेएनयूआरएम बस खरीद में घोटाले का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट के अनुसार जेएनयूआरएम के अंतर्गत 800 बसों की खरीद की गई जिसमे 300 करोड़ भारत सरकार से प्राप्त हुआ था। इन बसों की बाॅडी आदि बनाने में बडा घोटाला हुआ है। ये बसें जेएनयूआरएम के तहत शिमला शहर में चलाई जानी थी लेकिन ये बसें शिमला की सड़कों मे चलने लायक नहीं है लम्बी बसों के कारण शिमला में आए दिन जाम लगता है तथा शिमला शहर के सभी भागों में यह बस नहीं चलाई जा सकती है जिसके कारण जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
चार्जशीट में आउटसोर्सिंग के आधार पर चहेतों को नौकरी देने का भी जिक्र है। चार्जशीट में कहा गया है कि टाउन हाॅल की रैनोवेशन के नाम पर मामूली बदलाव के नाम पर करोडों रूपये खर्च किये जा रहे है। शहर में सभी सुविधाओं टेलीफोन, बिजली, पानी की लाईनों को एक साथ रखने के लिए डक्ट का निर्माण किया जाना था जिसे सौन्दर्यकरण परियोजना से हटा दिया गया। नगर निगम शिमला के अनेकों स्थानों पर एस्कलेटरो का निर्माण इस योजना के अंर्तगत किया जाना था अपितु अभी तक इस कार्य पर कोई काम नहीं हुआ और इसको परियोजना से रद्द कर दिया गया है। इस योजना की डी.पी.आर. तैयार करने के लिए करोडों रूपये का खर्चा आया जोकि व्यर्थ हो गया। इसकी जांच होनी चाहिए।