सोलन (एमबीएम न्यूज़) : जम्मू व कश्मीर में भारत मां के लिए शहादत देने वाले तीन शहीदों के पार्थिव शरीर को अपनों के पहुंचने का इंतजार है। इसी कारण मंगलवार को शहीदों की अंत्येष्टि टली है, क्योंकि हजारों किलोमीटर दूर से शहीदों के परिजनों को आने में वक्त लगना लाजमी ही था। हालांकि मंगलवार को 14 जीटीसी में शहीदों के पार्थिव शरीर लाए गए, लेकिन शवगृह न होने के कारण इन्हें वापिस चंडी मंदिर ले जाना पड़ा। तीन जवानों ने देश पर अपनी जान न्यौछावर कर 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू के लिए भी बहादुरी की इबारत लिखी।
शहीदों के पार्थिव शरीर सेना की पश्चिमी कमान के मुख्यालय चंडी मंदिर में रखे गए हैं और नेपाल से उनके परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है। जवानों की शहादत के बाद गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू सहित पूरे जिला में शोक की लहर है।
गौर रहे कि गोरखा रेजीमेंट की एक टुकड़ी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिला स्थित एलओसी से सटे नौगाम सेक्टर में तैनात थी। शनिवार की रात को अचानक आतंकवादियों ने टुकड़ी पर हमला कर दिया। हालांकि पहले से तैयार बैठे भारतीय सैनिकों ने उनका जमकर मुकाबला किया। भारतीय सैनिकों ने 30 घंटों की मुठभेड़ के दौरान चार विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया, लेकिन इसी बीच तीन भारतीय सैनिकों ने भी भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
आतंकी मुठभेड़ में शहादत पाने वाले इन जवानों में 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू से प्रशिक्षण प्राप्त करके 1/4 जीआर में तैनात हवलदार गिरीश गुरुंग व 4/1 जीआर के राइफल मैन रॉबिन शर्मा ने मौके पर ही प्राण गंवा दिए, जबकि 4/1 जीआर के हवलदार डमर बहादुर पुन ने अगले दिन दम तोड़ दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक हवलदार गिरीश गुरुंग गांव नागीधार जिला काशी नेपाल, हवलदार डमर बहादुर पुन गांव कारिंग जिला कोलमी नेपाल व राइफल मैन रॉबिन शर्मा गांव चूना जिला परबत नेपाल के रहने वाले थे।
सूचना के मुताबिक गत सोमवार की दोपहर बाद सेना के हेलीकॉप्टर से तीनों शहीदों के पार्थिव शरीर सुबाथू लाए गए, लेकिन यहां शवगृह की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें चंडी मंदिर भेज दिया गया। सोमवार देर शाम 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र के तीन जवानों के शहीद होने की सूचना मिलते ही सैन्य क्षेत्र सुबाथू सहित समूचे जिला में माहौल गमगीन हो गया। सूचना है कि शहीदों के परिजनों के यहां पहुंचने के बाद ही तिरंगे में लिपटे शहीदों के पार्थिव शरीर को 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू के सलारिया स्टेडियम में लाया जाएगा।
उधर उपायुक्त सोलन राकेश कंवर ने संपर्क करने पर बताया कि उन्हें सैन्य प्रशासन द्वारा सूचना दी गई है कि तीनों शहीदों के परिजन नेपाल मेें ही रहते हैं और सूचना मिलते ही वह सुबाथू के लिए रवाना हो चुके हैं। अब बुधवार को परिजनों के पहुंचने के बाद सुबाथू के श्मशानघाट में शहीदों को पूरे सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।