मंडी (वी कुमार) : बच्चों में गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का होना भी आवश्यक है, ताकि महान देश के निर्माण में बच्चे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। इसके लिए देवभूमी के युवाओं को नशे के चंगुल सेदुर संस्कारों और मान मर्यादाओं में ले जाने की आवश्यक्ता है।
यह बात हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महामहीम आचार्य देवव्रत ने सरकाघाट के धर्मपुर में आयोजित प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह के दौरान उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होने धर्मपुर में डा विजय मेमोरियल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में आयोजित समारोह में बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की और विभिन्नपाठशालाओं के प्रतिभावान बच्चों को प्रोत्साहन पुरस्कार देकरसम्मानित भी किया।
इस दौरान सांसद अनुराग ठाकुर और विधायकमहेन्द्र सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे। राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान आयोजित मार्चपास्ट की सलामी ली और उपरान्त इसके उन्होने डॉ. विजय मेमोरियल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में छात्रावास के भवनका लोकार्पण भी किया। साथ ही राज्यपाल ने धर्मपुर में बनने वालेसरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के भवन की आधारशिला भी रखी।
लोगों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्कूलों, कालेजों में बडी डिग्रियां मात्र लेने से कोई महान नहीं बन जाता, महान बनने के लिए उत्कृष्ठ कार्यों को करना और अच्छी सोच रखना है। उन्होंने डा विजय मेमोरियल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जो संस्कारों से युक्त शिक्षा इस संस्थान में दी जा रही हैवह आने वाले समय में एक महान देश के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव भूमी है लेकिन आजयहां का युवा नशे की लत में फंस कर अपना भविष्य खराब करने में लगा है, उन्होने आशा जताई की आने वाले समय में युवाओं को नशे की लत से बाहर निकालने के लिए प्रयासों में और तेजी लाने की आवश्यक्ता है।