धर्मशाला । एमबीएम ब्यूरो : तिब्बत की निर्वासित सरकार ने चीन के श्वेत पत्र की गहरी आलोचना की है। साथ ही इसे खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि 1990 से अब तक तिब्बत को लेकर चीन 13 श्वेतपत्र जारी कर चुका है। यानि हर दूसरे साल एक श्वेतपत्र जारी कर दिया जाता है।
सरकार का यह भी कहना है कि हाल ही में जारी किया गया श्वेतपत्र इस बात को इंगित करता है कि चीन की पकड़ अब ढीली हो रही है। निर्वासित सरकार के मीडिया अधिकारी तेनजरिंग वांगचुक का कहना है कि 137 आत्मदाह के मामले इस बात को भी साबित करते हैं कि तिब्बतियों में चीन के खिलाफ रोष बढ़ रहा है।
सरकार का कहना है कि अगर चीन अपने श्वेतपत्र को लेकर सच्चा है तो तिब्बत में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मीडिया को तिब्बत में जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। सरकार का यह भी कहना है कि आजादी के लिए बाहर आकर संघर्ष कर रहे समुदाय को चीन गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।