शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार विकलांग विद्यार्थि
यों ने अपने एक अलग संगठन डिसेबल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन “डीएसए” का गठन किया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई एक बैठक में विकलांग विद्यार्थियों ने तय किया कि वह अपनी समस्याएं इस संगठन के माध्यम से उठाएंगे और समाज में विकलांगता को लेकर जागरूकता अभियान चलाएंगे।
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डिसेबल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रवक्ता मोहित कपूर ने बताया कि बैठक विश्विविद्यालय के नोडल अधिकारी (विकलांगता) प्रो. अजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई, जिसमें रिसर्च स्कॉलर सतीश ठाकुर को डीएसए का संयोजक चुना गया। संगठन की एक आठ सदस्यीय संचालन समिति बनाई गई है, जिसमें अनुज कुमार, डॉली देवी, मुकेश कुमार, नेहा, माया, सवीना जहाँ और मोहित कपूर शामिल हैं।
मोहित कपूर के अनुसार प्रारम्भ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, इक्डोल, सांध्यकालीन महाविद्यालय और धर्मशाला स्थित विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर के विकलांग विद्यार्थियों को डीएसए का सदस्य बनाया जाएगा। अगले चरण में अन्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विकलांग विद्यार्थियों को संगठन की सदस्यता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गैर राजनीतिक संगठन होगा, जिसका एक मात्र उद्देश्य विकलांग विद्यार्थियों का सशक्तिकरण और समाज में विकलांगों को उचित स्थान दिलाना है। बैठक में शामिल विद्यार्थियों ने कहा की राज्य में विकलांग विद्यार्थियों के संगठन का अभाव था और उनके सशक्तिकरण का मुद्दा कोई भी विद्यार्थी संगठन नहीं उठाता था। इसलिए इस नए संगठन को बनाने की आवश्यकता पड़ी।
बैठक में संचालन समिति के लिए चुने गए सदस्यों के अलावा मीरा, राजकुमार, डॉली, कुमारी योगा, प्रियंका और हेम राजपूत आदि विकलांग शामिल थे।