पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): हालांकि सामूहिक आत्महत्या के मामले सामने आते रहे हैं। कुछ महीने पहले इसी शहर में एक महिला ने अपने दो बच्चों को जहर दे दिया था, लेकिन ऐसा खौफनाक ट्रिपल सुसाइड मामला राज्य में पहली बार ही सामने आया है।
65 वर्षीय मां, 45 साल की बेटी व 43 साल के बेटे ने सुसाइड करने की ऐसी खौफनाक प्लानिंग की, जिसे देखकर पुलिस हैरान हो गई है। खुद को सुबह-सुबह कार में बंद करने के बाद ऐसी गैस खोल दी जाती है, जो तीनों को एक साथ मौत के आगोश में पहुंचा देती है। हालांकि कौन सी गैस का इस्तेमाल हुआ, इस बात को लेकर पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन कार्बन मोनोक्साइड या फिर कार्बन डाइऑक्साइड हो सकती है।
यह अलग बात है कि बरामद सिलैंडर पर ऑक्सीजन लिखा है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि देहरादून से करीब 45 किलोमीटर दूर पांवटा साहिब में एक पार्किंग का इस्तेमाल ट्रिपल सुसाइड के लिए किया गया। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि डिप्रैशन में आकर आत्महत्या की जाती है, लेकिन मरने के लिए इतनी खौफनाक प्लानिंग कौन कर सकता है, यही बात हैरान करने वाली है, क्योंकि सुसाइड के मामलों में अक्सर चंद सैकेंड का ही फैसला होता है।
यहां तक कई घंटों पहले एक साथ सुसाइड करने की प्लानिंग हुई है। सूत्रों के मुताबिक पार्किंग कर्मी ने पुलिस को यह बात कही है कि लगभग चार बजे के आसपास कार में दो महिलाओं समेत एक व्यक्ति बैठा था। अगर इसी बात को आधार बना लिया जाए तो कोई चौथा व्यक्ति तीनों को मारने के बाद कार पार्क करने नहीं आया। ड्राइविंग सीट पर 43 वर्षीय व्यक्ति था, लिहाजा यही समझा जा रहा है कि वही कार को चलाकर लेकर आया था। मरने वालों में 65 वर्षीय रविंद्र कौर, उसकी 45 वर्षीय बेटी इंद्रजीत कौर व 43 वर्षीय बेटा जसवीर शामिल थे।
उधर इस ट्रिपल सुसाइड मामले पर एसपी सौम्या सांबशिवन का कहना है कि जब तक रिपोर्ट नहीं मिल जाती, तब तक कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहना मुश्किल है।
इस तरह से ट्रिपल सुसाइड..
तडक़े चार बजे एक कार पार्किंग में दाखिल होती है। पार्किंग शुल्क की पर्ची नहीं कटवाई जाती। करीब साढ़े 8 बजे पार्किंग कर्मी कार की तरफ बढ़ता है, ताकि शुल्क वसूला जाए। लेकिन मंजर देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कार के शीशों को इस तरह से सील कर दिया गया था, ताकि मामूली सी भी हवा अंदर दाखिल न हो। संभवत: अंदर जहरीली गैस को छोड़ दिया जाता है, ताकि तीनों मौत के आगोश में समा जाएं। मंगलवार का पूरा दिन सिरमौर पुलिस इसी मामले पर अपना ध्यान केंद्रित करती रही, क्योंकि इसकी गंभीरता नहीं नकारी जा सकती थी।
यह सवाल हैं पुलिस को तलाशने..
इस सनसनीखेज वारदात में पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सबसे बड़ा जवाब यही तलाश करना है कि सुसाइड का फैसला तीनों का सामूहिक था या नहीं। कहीं तीनों के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हुई थी, जिसे सुसाइड का चोला पहनाया जा रहा है। जहरीली गैस से मौत हुई तो कौन सी गैस थी। चूंकि अधेड़ उम्र की महिला के पति की मौत पहले ही हो चुकी थी। अब तीनों ने मौत को गले लगा लिया, लिहाजा सवाल यह भी है कि कहीं कोई प्रापर्टी का लफड़ा तो नहीं है या फिर कोई मार्किट की देनदारी।