बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : नालसा योजना 2015 के अन्तर्गत बच्चों को मैत्रीपूर्ण व संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं उपलब्ध करवाने के उददेश्य से एक सेमीनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं अध्यक्ष उपमण्डलीय विधिक सेवा समिति व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर परवीण चौहान ने की।
सेमीनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या के लगभग एक तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व युवा पीढ़ी करती है और युवा पीढ़ी के प्रति समाज का दायित्व है कि जाति, रंग, लिंग, भाषा, धर्म अथवा वंश का भेदभाव किए बिना प्रत्येक बच्चे को स्वस्थ व सामान्य ढंग से गौरवपूर्ण तरीके से विधिक सेवा सहित सभी अवसर खोलें जाए, ताकि उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास हो और उनकी क्षमता का शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास सम्भव हो सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मां-बाप का यह दायित्व बनता है कि वे अपने बच्चों की बेहतर ढंग से परविश करे और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देकर देश का सभ्य व अच्छा नागरिक बनाए।
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण व सुरक्षा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ किसी भी बच्चे का उसके मूल अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता और एक्ट के तहत छः वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा देना आवश्यक है, जबकि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कारखानो, ढाबों, होटलों या अन्य स्थानों पर मजदूरी नहीं करवाई जा सकती, यदि ऐसा कोई मामला पकड़ा जाता है तो मालिक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाती है ।
उन्होंने कहा कि नालसा योजना के तहत यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अनिवार्य प्राधिकरणों एवं संस्थानों जिसमें किशोर न्याय परिषदों, बाल कल्याण समितियों, अन्य कल्याणकारी समितियों, अवलोकन तथा आश्रय ग्रहों, मनोचिकित्सक अस्पताल या नर्सिंगहोम, आयोगों, परिषदों, परिविक्षा अधिकारियों के कार्यालय आदि विभिन्न बाल मित्र विधानो के अन्तर्गत स्थापित होना आवश्यक है ।
सेमीनार में शिशु सरंक्षण अधिकार अधिनियम 2005, किशोर न्याय व देखरेख व सरंक्षण अधिनियम 2000, प्रसव पूव निदान तकनीक अधिनियम 1994, बाल श्रम अधिनियम 1986, सरंक्षण व प्रतिपाल्य अधिनियम 1890, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, बच्चों का निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009, योैन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम 2012, विधिक सेवाओं के अधिकारों, नालसा के उददेश्य, बालकों के सर्वोतम हित, विधिक सेवा क्लिनिकों तथा प्रशिक्षण व अभिविन्यास कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई ।
बाल कल्याण व सरंक्षण समिति बिलासपुर के जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल शर्मा, अधिवक्ता पवल चन्देल तथा बार काउंसलिंग के अध्यक्ष के0के0कौशल ने भी सेमीनार को सम्बोधित किया ।
इस अवसर पर सेमीनार में कानूनी सहायता समिति के विभिन्न वरिष्ठ अधिवक्तागण, जिला के विभिन्न थानों के थाना प्रभारी, सब ईन्सपैक्टरज, पैरालीगल वॉलेंटीयरज, बाल कल्याण समिति के सभी सदसय, व जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड के सदस्यों ने भाग लिया ।