नाहन (एमबीएम न्यूज): नोटबंदी के दौरान शहर की यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की कच्चा टैंक स्थित शाखा में भी कथित तौर पर कालेधन को सफेद किया गया। इसमें दो व्यापारी प्रवेश बंसल व राजेश्वर लोहिया के अलावा बिजली बोर्ड के रिटायर्ड एक्सईएन सुशील कुमार गोयल के खिलाफ आईपीसी की धारा-420 व 120बी के तहत मामला दर्ज हुआ है। शाखा प्रबंधक नीरज नौटियाल इस मामले में चौथे आरोपी हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को सीबीआई द्वारा 30 मार्च को दर्ज एफआईआर की प्रतिलिपि उपलब्ध हुई है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की शिमला शाखा को 21 दिसंबर 2016 को शाखा में चल रहे गोलमाल की सूचना दी गई थी। इसके बाद सीबीआई की टीम ने 23 दिसंबर को शाखा में दबिश दी। इस दौरान बीएसएनएल के अधिकारी आदर्श तोमर व कृपाशंकर पांडे को गवाह बनाया गया था।
सीबीआई की टीम ने बैंक में पहुंच कर डीडीआर व हार्ड डिस्क इत्यादि को कब्जे में ले लिया था, जिसकी प्रारंभिक जांच के बाद ही सीबीआई ने नियमित आपराधिक मामला दर्ज किया है। हालांकि कितनी करंसी को बदला गया था। यह बात एफआईआर में स्पष्ट नहीं है, लेकिन मामला चंद लाखों से ही जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। सीबीआई की शिमला शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार के हस्ताक्षर से एफआईआर दर्ज हुई।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सोमवार को बैंक की शाखा में पहुंचकर शाखा प्रबंधक से मुलाकात करने का प्रयास किया तो बैंक में आरोपी प्रबंधक नीरज नौटियाल बैंक में मौजूद नहीं थे। स्टाफ ने उनकी तबीयत ठीक न होने की बात कही। वहीं सीबीआई के प्रवक्ता ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।
क्या मिला सीबीआई को प्रारंभिक जांच में..
सीबीआई ने प्रारंभिक जांच में पाया है कि बैंक प्रबंधक ने कमीशन के आधार पर तीन लोगों के पुराने नोट बदले। यह भी पाया गया कि नोट बदलने के लिए अन्य लोगों के पहचानपत्र/आधार कार्ड की प्रतिलिपियां संलग्र की गई। ऐसे बच्चों के आधार कार्ड नंबर लिखे गए, जो ठीक से फार्म भी नहीं भर सकते हैं। सीबीआई ने पाया है कि शाखा प्रबंधक ने लगभग 5 लाख रुपए की राशि को गलत तरीके से बदला। इसके अलावा रिटायर्ड एक्सईएन के एक लाख रुपए की राशि को भी गैर काूननी तरीके से बदला गया, जिसका जिक्र ऑनलाइन मॉडयूल में नहीं किया गया।