शिमला (एमबीएम न्यूज) : कोटखाई के नजदीक क्यारी के नेहराघाटी गांव में दोहरे हत्याकांड की गुत्थी को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही सुलझा कर टेबल पर रख दिया है। इस जबरदस्त कामयाबी में एसपी डी डब्ल्यू नेगी के नेतृत्व में ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी सूत्रधार बने हैं।
हत्याकांड का गुनाहगार जो अपना नाम कमल बता रहा है, साथ ही 32 वर्ष की उम्र पुलिस को बताई है, राजधानी से नेपाल भागने की फिराक में था। इससे पहले पुलिस परिवार की जानकारी के आधार पर गुनाहगार का हुलिया व्हाटस एप पर प्रचारित कर चुकी थी। आईएसबीटी प्रभारी को भी हुलिया भेजा गया। साथ ही गुजारिश की गई कि अगर इस तरह का शख्स दिखे तो तुरंत सूचना दी जाए।
आईएसबीटी प्रभारी को एक व्यक्ति पर शक हुआ, जिसकी तस्वीर पुलिस को दी गई। चंद मिनटों में ही पुलिस ने तस्वीर की तस्दीक उस परिवार से करवा ली, जिनके घर पर एक महिला समेत नेपाली मूल के तीन लोग ठहरे थे। विशेष वाहन से गुनाहगार को घटनास्थल तक लाया जा रहा है, ताकि वारदात में इस्तेमाल हथियार की भी बरामदगी की जा सके।
एसपी डी डब्ल्यू नेगी ने पुष्टि करते हुए कहा कि दोहरे हत्याकांड के आरोपी को रिकॉर्ड समय में गिरफ्तार कर लिया गया है। नेगी ने इस कामयाबी पर पुलिस टीम की पीठ भी थपथपाई है।
कौन थी मरने वाली महिला व शख्स..
हालांकि पुलिस मामले की तह तक जाने की तैयारी कर चुकी है, लेकिन सख्ती से पूछने पर गुनाहगार ने अपनी पत्नी व चाचा को मौत के घाट उतारने की बात कही है। गौरतलब है कि रविवार शाम तीनों नेपाली गांव में प्रोमिला देवी के घर पहुंचे थे। परिवार ने ठहरने की जगह दी थी, लेकिन इस नृशंस हत्याकांड की भनक भी परिवार को बीती शाम ही लगी थी।
क्यों था मामला पेचिदा…
दरअसल यह मामला बेहद पेचिदा था, क्योंकि इसमें न तो मरने वालों का पता था, न ही इस बात का अंदाजा था कि हत्याकांड को कब अंजाम दिया गया। पुलिस के एक्शन में मामूली सी देरी, गुनाहगार को नेपाल तक पहुंचने में मदद कर देती। पुलिस ने काफी चौकसी से उत्तराखंड के बॉर्डर को भी सील कर दिया था। साथ ही बसों पर भी निगरानी की जाने लगी। ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी का कहना है कि मामला पेचिदा था, लेकिन संयम रखते हुए जांच को आगे बढ़ाया।