पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): हरियाणा में खैर तस्करों को संरक्षण देने के जुर्म में यमुनानगर की क्राइम शाखा ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर तरसेम राणा को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पांवटा साहिब के डीएफओ एसएस राणा को भी जांच में शामिल होने का नोटिस दिया गया है। डीएफओ को नोटिस वन अरण्यपाल के माध्यम से दिया गया था, लेकिन डीएफओ जांच में शामिल नहीं हुए।
दरअसल यमुनानगर जनपद में खैर तस्करी का मामला उजागर हुआ था। तस्करों ने इस मामले से बचने के लिए बहराल बैरियर से लकड़ी का ट्रांजिट परमिट हासिल कर लिया। उस वक्त डयूटी पर डिप्टी रेंजर तरसेम राणा तैनात थे। इस वक्त माजरा बीट में तैनात डिप्टी रेंजर की गिरफ्तारी बीती रात हुई है। हरियाणा पुलिस का यह भी कहना है कि जांच के दौरान फर्जी ट्रांजिट रिमांड की बात सामने आई थी।
इस मामले की तफ्तीश कर रहे यमुनानगर क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी नरेश कुमार का कहना है कि डीएफओ को वन अरण्यपाल के माध्यम से जांच में शामिल होने का नोटिस दिया गया था, लेकिन डीएफओ अब तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं। उनका कहना है कि इस तरह के फर्जी ट्रांजिट परमिट के कुछ अन्य मामले भी हो सकते हैं। जांच अधिकारी ने कहा कि वन विभाग के डिप्टी रेंजर को एक दिन का पुलिस रिमांड मिला है, जिसे कल फिर अदालत में पेश किया जाएगा।
उधर वन अरण्यपाल वाईपी गुप्ता ने माना कि हरियाणा पुलिस से जांच में शामिल होने का नोटिस मिला था। उन्होंने कहा कि इस बारे पांवटा के डीएफओ को अवगत करवा दिया गया था।