शिमला (शैलेंद्र कालरा): हिमाचल प्रदेश पुलिस में एक गजब एचपीएस अधिकारी मौजूद हैं, जो दहाड़ते हैं तो धरती कांपती है। जब खाकी पहनकर एक्शन में आते हैं तो अपराधी कांप जाते हैं। एक गजब परेड कमांडर हैं, साथ ही दबंग पुलिस अधिकारी। मतलब दहाड़ व खाकी में एक्शन का गजब समन्वय है। काबलियत के बूते पुलिस अधिकारी बनने के मात्र तीन साल बाद ही डीएसपी को डीजीपी डिस्क अवार्ड मिल गया था। डीएसपी बने आठ साल हुए हैं, लेकिन राज्य स्तर पर 14वीं मर्तबा परेड कमांड करने जा रहे हैं।
यहां बात हो रही है, मनाली के डीएसपी पुनीत रघु की। इस साल गणतंत्र दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम कुल्लू में हो रहा है। इस बार भी परेड कमांडर की जिम्मेदारी 2008 बैच के डीएसपी पुनीत रघु के कंधों पर पड़ी है। रोचक बात यह है कि आठ साल की नौकरी हुई है, 14वीं बार परेड कमांड करने जा रहे हैं। हर कोई इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकता है। अपनी खुद की पासिंग आउट परेड में भी डीएसपी पुनीत रघु ने कमांड की थी।
मूलत: बिलासपुर के कंदरौर के देलग गांव के रहने वाले पुनीत रघु के पिता जिला व सत्र न्यायधीश के पद से सेवानिवृत हुए। बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने का चाव था। साथ ही एक परेड कमांडर बनने का भी शौक रहा। 22 मार्च 1981 को जन्में डीएसपी पुनीत रघु एक जबरदस्त परेड कमांडर तो मानें ही जाते हैं, साथ ही एक दबंग पुलिस अधिकारी के तौर पर भी पहचान रखते हैं। कामयाब पुलिस अधिकारी पुनीत रघु की पत्नी प्रेरणा रघु गृहणी है, जबकि अढ़ाई साल का बेटा रिदान भी शायद अपने पिता के कदमों पर आगे बढऩा चाहेगा।
क्या होती है राज्य स्तर के परेड कमांडर की विशेषता….
यहां 68वें राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की बात हो रही है। इस परेड में 12 टुकडिय़ों के 360 जवान हिस्सा ले रहे हैं। मतलब परेड कमांडर की कमांड 360 परेड में हिस्सा ले रहे जवानों तक पहुंचनी चाहिए। शुरूआत होती है, परेड सावधान। राष्ट्रीय सेल्यूट। सलामी शस्त्र। इसके बाद ध्वजारोहण होता है। इससे पहले डीएसपी पुनीत रघु इसी तरह की 13 परेड कमांड कर चुके हैं।
कैसे दबंगई के लिए जाते हैं पहचानें….
डेढ़ साल से मनाली में बतौर डीएसपी तैनात हैं। नशे व वैश्यावृति के कारोबार के खिलाफ जबरदस्त कामयाबी हासिल की। समूचे ऊना जिला में 2016 के दौरान 116 किलोग्राम चरस पकड़ी गई। इसमें से 25 फीसदी हिस्सेदारी मनाली की रही। वैश्यावृति के चार मामलों का पर्दाफाश किया। अब इस धंधे को करने से होटल कारोबारी डरते हैं। यही नहीं 6 ऐसे विदेशी ढूंढ निकाले, जो इलाके में नियमों का उल्लंघन कर छिपकर रह रहे थे।
मनाली क्षेत्र में 2015 के दौरान पांच ब्लाइंड मर्डर के मामले सामने आए थे। लेकिन डीएसपी के कुशल नेतृत्व की वजह से तमाम मामलों को सुलझा लिया गया। हाल ही में 6 जनवरी को भारी बर्फबारी के कारण सोलंग नाला घाटी में पर्यटकों के 550 वाहन फंस गए। रात साढ़े तीन बजे तक खुद डीएसपी रेस्क्यू ऑपरेशन को कमांड करते रहे। चार बजे तक तमाम पर्यटकों को सुरक्षित मनाली पहुंचा दिया गया।
मनु की नगरी अक्सर ट्रैफिक जाम से पर्यटकों की परेशानी का सबब बनती है, लेकिन इस बार बेहतरीन ट्रैफिक व्यवस्था का सेहरा भी डीएसपी की टीम के सिर बंधा है।