पांवटा साहिब (शैलेंद्र कालरा): बहुचर्चित नेत्र-बबली की मौत मामले में पुलिस की जमकर फजीहत हुई है। इस जांच को पुलिस कतई भी सिरे तक नहीं चढ़ा पाई। यहां तक की एसपी सौम्या सांबशिवन ने भी काफी प्रयास किया कि नेत्र-बबली के परिजनों को संतुष्ट किया जाए, लेकिन जब धरातल पर ही जांच अधिकारी नाकामयाब रहे तो आलाधिकारी भी बेबस थे।
हालांकि अब तक जांच सीआईडी को नहीं भेजी गई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि एसपी ने अपने स्तर पर ही मामला सीआईडी को भेजने का फैसला कर लिया है, क्योंकि पांवटा पुलिस इस मामले की जांच सही दिशा में नहीं कर पाई। पहले नेत्र-बबली की मौत की वजह डूबना आई थी, लेकिन बाद में एफएसएल की रिपोर्ट में जहरीले पदार्थ के सेवन की बात भी सामने आ गई। लिहाजा जांच में जुटी पांवटा पुलिस की किरकिरी होती रही।
रोचक बात यह है कि मामूली मामलों में अपराधियों को पकडऩे पर पुलिस खूब इतराती है। रविवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसमें तीन पुलिस कर्मियों ने मीडिया से तस्वीरें तो खिंचवाई, लेकिन हड़बड़ाहट में कैप पहननी भूल गए। सूत्रों का कहना है कि तस्वीरों को लेकर एसपी स्तर पर कड़ा संज्ञान लिया गया है।
अमूमन सीआईडी को वह मामला सौंपा जाता है, जिसमें जमीनी स्तर पर पुलिस जांच करने में असफल हो जाए। नेत्र-बबली की मौत के मामले में परिजन शुरू से ही संशय जाहिर करते रहे। एसडीएम को भी ज्ञापन सौंप कर जांच सीआईडी से करवाने की मांग पर अड़े रहे। सवाल इस बात पर भी उठता है कि क्या उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में लाई जाएगी या नहीं, जिन्होंने हड़बड़ाहट में बिना कैप के ही तस्वीरें खिंचवा डाली।
उधर एसपी सौम्या सांबशिवन ने कहा कि फिलहाल जांच सीआईडी को नहीं भेजी गई है, लेकिन एक-दो दिन में सौंप दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पूरी निष्पक्षता से जांच की है। परिजनों के आग्रह पर मामला सीआईडी को भेजा जा रहा है।