नाहन (शैलेंद्र कालरा) : शायद याद होगा, जून महीने में रेणुका क्षेत्र के जरवा गांव से एक दर्दनाक खबर आई थी। इसमें एक नवजात बच्ची के शव को दो बार कब्र से निकाला गया था। 15 वर्षीय राखी (परिवर्तित नाम) मां बनी थी, जिसकी बच्ची ने जन्म लेते ही दम तोड़ दिया था। पहले बच्ची का शव दफना दिया गया, फिर पिता ने रेणुका थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
30 वर्षीय विवाहित पृथ्वी सिंह पर राखी के बच्चे का पिता होने का आरोप लगाया गया। पोक्सो एक्ट में कानून सख्त है। लिहाजा पुलिस ने भी पृथ्वी सिंह को गिरफ्तार करने में देरी नहीं की। इस वक्त भी पृथ्वी सिंह न्यायिक हिरासत में है। बच्ची का शव दो मर्तबा डीएनए सैंपल के लिए कब्र से निकाला गया था।
15 जून को शव कब्र से निकाला गया था जिसका पोस्टमार्टम भी आईजीएमसी में हुआ था। इसके बाद डीएनए टैस्ट हुआ, इसमें नवजात समेत पृथ्वी सिंह के सैंपल भेजे गए। अब डीएनए रिपोर्ट नैगेटिव आई है। मतलब, विवाहित पृथ्वी सिंह उस बच्चे का पिता नहीं है, जिसकी मौत जन्म के कुछ देर बाद हो गई थी।
मुख्य आरोपी बने पृथ्वी सिंह का परिवार करीब साढ़े तीन महीने से गहरे सदमे में था। अब रिपोर्ट से कुछ राहत महसूस कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। इस मामले में पुलिस ने राखी के पिता रमेश, बुआ गोंदी देवी व चचेरे भाई सुरेंद्र निवासी रजाना को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि इन तीनों ने भी अपराध के साक्ष्य छुपाए रखे। पृथ्वी सिंह पर आरोप था कि पिछले साल दितंबर महीने में उसने राखी से दुराचार किया। इसके बाद राखी गर्भवती हो गई।
राखी 15 साल की 2 जुलाई 2016 को हुई। यानि जब दुराचार हुआ था तो उस समय राखी की उम्र महज 14 साल कुछ महीने की थी। पीडिता के 164 के तहत बयान 15 जून 2016 को हुए थे। उधर डीएसपी (मुख्यालय) प्रताप ठाकुर ने कहा कि रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसके मद्देनजर अनुपूरक चालान कोर्ट में दाखिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेष आरोप जस के तस है।
पुलिस के सामने चुनौती….
अब पुलिस के सामने चुनौती ये है कि असल गुनाहगार कौन है? राखी ने जिस बच्चे को जन्म दिया था, उसका असल पिता कौन है। मामला पेचीदा हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि आपसी रंजिश की वजह से पृथ्वी सिंह को इस मामले में घसीट दिया गया। अब यही परिवार पुलिस को असल गुनाहगार तक पहुंचने का सुराग दे सकता है। सनद रहे कि इस मामले में खुद एसपी सौम्या सांबशिवन भी मौके पर पहुंची थी।