मंडी (वी.कुमार): इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारी पुलिस मुस्तैद हों तो माता-पिता से बिछड जाने के बावजूद भी मासूमों को तलाश किया जा सकता है। कुछ इस तरह की ही मिसाल मंडी पुलिस ने 6 नाबालिगों को माता-पिता तक पहुंचाकर कायम की है। इसमें तीन बेटियां व तीन बेटे है। जोगिंद्रनगर थाना प्रभारी संजीव कुमार के नेतृत्व में पहली टीम बनी। गोपनीय सूचना जुटाई गई कि लापता नेपाली मूल के 4 नाबालिग कुल्लू के नागर में है। बच्चों को अगवा करने का मामला 13 अगस्त को दायर हुआ था। फौरन ही हरकत में आई पुलिस ने 16 वर्षीय रवीना, 12 वर्षीय आकाष, 15 वर्षीय संजीव व 17 वर्षीय राम बहादुर को बरामद कर परिजनों को सौंपा।
इसी तरह सुंदरनगर थाना के एएसआई श्रवण कुमार को भी एक लापता नाबालिग बच्ची को तलाशने की जिम्मेवारी दी गई। टीम ने 17 वर्षीय उम्मेहानिया पुत्री याकूब मोहम्मद को तेलगांना से ढूंढ निकाला। नाबालिग को अगवा करने का मामला 23 जुलाई को सुंदरनगर में दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने कासिर अहमद निवासी मेवात (हरियाणा) को आंध्र प्रदेश से दबोच में भी सफलता हासिल की है।
उधर सरकाघाट पुलिस के उपनिरीक्षक कर्णजीत सिंह ने भी एक नाबालिग बच्ची को तलाशने में सक्रिय भूमिका निभाई। नाबालिग काजल को उतर प्रदेश के शहजानपुर से ढूंढ निकाला गया। जो मूलतः बिहार की रहने वाली थी लेकिन कुछ समय से सरकाघाट तहसील में ही अपने परिवार के साथ रह रही थी। सरकाघाट पुलिस ने 24 अगस्त को आईपीसी की धारा 363 व 366 के तहत मामला दर्ज किया था। कुल मिलाकर बडी बात यह है कि पुलिस ने नाबालिगों की गुमशुदगी के 6 मामलों को 2 महीने के भीतर ही सुलझाकर रख दिया है। लिहाजा पुलिस की इस कार्रवाई की प्रशंसा बनती है।