शिमला (एमबीएम न्यूज) : प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा और विपक्षी दल भाजपा ने फिर वाकआउट किया। सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद जैसे ही सदन की कार्रवाई आगे बढ़ी तो विपक्ष ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर अखबार में छपी एक खबर का मुद्दा उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में सीबाआई ने चार्जशीट तैयार कर ली है। ऐसे में मुख्यमंत्री को अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
हाल ही में भाजपा का दामन थामने वाले महेश्वर सिंह ने यह मामला उठाया। जिस पर सतापक्ष के सदस्यों ने भी आक्रामक तेवर अपनाए और सदन में माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्पीकरण बृज बिहारी लाल बुटेल ने सदस्यों को शांत करवाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन इसका सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। हद तो तब हो गई, जब विपक्ष के कुछ विधायक बेल में आकर नारेबाजी करने लगे और भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने विधानसभा सचिव के टेबल पर रखी फाइलें पटक डालीं और माइक मोड़ डाला। बाद में भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने रविंद्र रवि के व्यवहार पर चिंता जताते हुए कहा कि सदन की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सदन की अवमानना है तथा विधायक पर कल वह फैसला सुना सकते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय जांच एजैंसियों की तरफ से उनके खिलाफ चल रहे मामले राजनीति से प्रेरित है तथा एक मामले की तीन केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के षडयंत्रों से घबराने वाले नहीं है और हर मंच पर लड़ाई को लड़ते रहेंगे। वीरभद्र ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सत्ता में रहते हुए 2 बार उनके खिलाफ मामले दर्ज किए और दोनों बार वह कोर्ट से बरी होकर निकले।