नाहन (रेणु कश्यप): कानून के हाथ लंबे होते हैं। कोई भी अपराधी कानून से नहीं बच सकता। यह बात पुलिस व अपराध के बीच पुरानी है। मगर इस बात को 11 महीनों के भीतर ही सिरमौर पुलिस ने एसपी सौम्या साबंशिवन के नेतृत्व में साबित कर दिखाया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान भी एसपी के चाणक्य के तौर पर पहचाने जाने लगे हैं।
हत्या के छह मामलों में संबंधित थानों व डीएसपी स्तर के अधिकारियों ने भी बखूबी अपना कर्त्तव्य निभाया। सराहां प्रकरण में पशु तस्कर की मौत समूचे मीडिया में छा गई थी। इसमें एसपी सौम्या के साथ-साथ राजगढ़ के डीएसपी योगेश रोल्टा ने प्रदेश की साख को बचाने में सफलता अर्जित की। इस मामले में सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखते हुए घटना की जांच को परिणाम तक पहुंचा दिया।
27 अगस्त 2015 से शुरू हुई वारदातें एसपी सौम्या सांबशिवन के कार्य संभालने के बाद पहली हत्या का मामला संगड़ाह तहसील से सामने आया। 27 अगस्त को एफआईआर दर्ज हुई। इस घटना में शराब के नशे में धुत्त होकर दोस्त ने दोस्त का कत्ल कर दिया। मामले में बडग के रहने वाले आरोपी सतपाल को तय अवधि में ही गिरफ्तार कर लिया गया।
15 अक्तूबर 2015 को एक ऐसी वारदात सामने आई, जिससे सांप्रदायिक उन्माद पैदा हो सकता था। 14 अक्तूबर की रात सहारनपुर के एक मुस्लिम युवक इमरान की मौत इस कारण हो गई, क्योंकि उस पर सराहां क्षेत्र के लोग भडक़ गए थे। वजह पशु तस्करी थी। मामला इतना संवेदनशील हो गया कि राष्ट्रीय मीडिया में भी इसकी बात होने लगी। साथ ही प्रदेश में भी तनाव पैदा हो गया था। लेकिन मामले को सूझबूझ से सुलझा लिया गया, अन्यथा अनहोनी घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता था।
मामले में सराहां क्षेत्र के 9 युवकों को 29 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया। साथ ही तीन अन्य गिरफ्तारियां भी हुई। यानि कुल मिलाकर 12 गिरफ्तारियां सराहां पुलिस ने की। संभवत: दक्षिण हिमाचल पुलिस के इतिहास में इस तरह का मामला पहली बार सामने आया था, जिसमें जरा सी चूक राज्य सरकार को महंगी पड़ सकती थी।
जनवरी 2016 में कालाअंब के त्रिलोकपुर क्षेत्र में एक महिला की हत्या की वारदात भी चौंकाने वाली थी। 20 जनवरी 2016 को एफआईआर दर्ज हुई थी, जब हत्या के रहस्य की गुत्थी सुलझी तो खुलासा हुआ कि मरने वाली महिला मुंबई में डांस बार बाला रह चुकी है।
लंबी मशक्कत के बाद उत्तर प्रदेश से महिला के हत्यारे को तो ढूंढ निकाला गया, लेकिन पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती यह सामने आई कि मरने वाली महिला का कोई अपना नहीं मिला। वारदात इस कारण भी पेचीदा थी क्योंकि महिला का परिवार नहीं था, लिहाजा उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने का सवाल ही नहीं था।
इस मामले में पुलिस का एक अलग चेहरा उस वक्त सामने आया था, जब एसपी सौम्या सांबशिवन ने महिला की अस्थियों को खुद कालाअंब जाकर सुपुर्द-ए-खाक किया। हिन्दू समझ कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन आरोपी के गिरफ्त में आ जाने के बाद पता चला कि महिला मुस्लिम थी। उसके बाद संरक्षित की गई अस्थियों को सुपुर्द-ए-खाक करने की रस्म खुद एसपी ने निभाई।
14 मार्च 2016 को पांवटा साहिब में एक स्कूल टीचर सुनीता नेगी की हत्या एक ऐसा मामला सामने आया, जिसकी जांच ने पुलिस के नाको चने चबवा दिए। हत्या इस कदर ब्लाइंड थी कि मामूली से मामूली सुराग भी नहीं मिल रहा था। फिर एसपी का एक ऐसा फार्मूला काम आया, जिसमें तीर निशाने पर लगा। इसमें हरेक अपराधी का डीएनए टैस्ट करवाया जाता रहा। बाद में एक ऐसे मुजरिम से डीएनए मेल खा गया, जिसने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद इस जघन्य मामले को अंजाम दिया।
इसमें मुजरिम ने एक साथ तीन जुर्म किए थे। स्कूल टीचर से दुष्कर्म के बाद लूट के साथ-साथ हत्या की गई। 28 वर्षीय नाहन निवासी राजेंद्र छेत्री को गिरफ्तार किया गया, जो अब भी न्यायिक हिरासत में है।
5 जून 2016 को सामने आए शालू मर्डर मामले में पुलिस को गहरे रोष का भी सामना करना पड़ा। यहां तक की शालू के शव को लेकर पांवटा साहिब में प्रदर्शन भी हुआ। लेकिन पुलिस ने संयम नहीं खोया। वैज्ञानिक तरीके से जांच को आगे बढ़ाते हुए केस को पूरी तरह से सुलझा दिया। यहां तक की एसपी खुद इतनी व्यथित हुई कि खुद शालू के घर परिवार का ढांढस बंधाने पहुंची।
अमूमन ऐसा नहीं होता है, जब कोई पुलिस अधिकारी वारदात पीडि़त के घर पहुंचे। गिरफ्तारी के बाद भी लोग संतुष्ट नहीं हुए तो भी इस स्थिति को संभाल लिया गया। 31 मई को शालू घर से लापता हुई थी। 5 जून को बाईला के समीप शव बरामद हुआ था। यही एक ऐसा मामला था, जिसमें पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। अगर संयम न रखा जाता तो पुलिस अपनी दिशा से भटक सकती थी।
4 जुलाई 2016 को बर्मापापड़ी-कौलावालांभूड मार्ग पर 23 वर्षीय युवक सोहन सिंह उर्फ सोनी की हत्या का मामला सामने आया। दो सप्ताह तक कोई सफलता नहीं मिली। एसपी सौम्या व एएसपी विनोद धीमान ने खुद भी बार-बार कालाअंब थाना पहुंच कर तहकीकात की। यहां भी पुलिस को संयम बरतना लाजमी हो गया था, क्योंकि गिरफ्तारी न होने पर लोगों में आक्रोश बढ़ गया था। लेकिन जब इस सनसनीखेज वारदात का पटाक्षेप हुआ तो हर कोई दंग रह गया, क्योंकि आरोपी ऐसा निकला जो पहले ही दो हत्याओं में संलिप्त रह चुका था। साथ ही 2006 में भी अपनी प्रेमिका की हत्या में बरी हुआ था।
इस मामले में एक पेशेवर मुजरिम पुलिस के हाथ लगा, जो हत्या के एक मामले में सैंट्रल जेल में सजा भुगतने के दौरान फरार चल रहा था। सैंट्रल जेल को भी अपना फरार कैदी मिल गया। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी राजेश व उसकी प्रेमिका सुषमा को हरियाणा के जगाधरी से गिरफ्तार किया। सह आरोपी सुषमा का चंद महीने पहले ही मृतक सोहन सिंह से विवाह हुआ था।