बिलासपुर (एमबीएम न्यूज): मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाखड़ा बांध विस्थापितों को पूर्व में भूमि प्लांट आबंटित किए जा चुके हैं और शेष विस्थापितों को कोटधार में बसाने के लिए मामला पुन: भारत सरकार के साथ उठाया गया है, जिसे शीघ्र ही मिनी समझौते के अंतर्गत सुलझा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री आज बिलासपुर जिला के झंडूता में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने बबखाल और बैरी-दडोलां पुलों के निर्माण की घोषणा की, ताकि बिलासपुर को ऋषिकेश और नैना देवी ओर झंडूता विधानसभा क्षेत्रों से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झंडूता कालेज भवन को शीघ्र ही विज्ञान खंड उपलब्ध करवाया जाएगा और इसका निर्माण एक वर्ष के भीतर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।वीरभद्र सिंह ने कहा कि एसडीएम कार्यालय झंडूता एक सप्ताह के भीतर कार्य करना आरंभ कर देगा। उन्होंने कहा कि झंडूता में बस अड्डे और लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घंडीर और धनेतर में विज्ञान की कक्षाएं आरंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कृषि केंद्र बरठीं में व्यावसायिक पाठयक्रम आरंभ करने का भी आश्वासन दिया।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान अकेले सरकारी क्षेत्र में 27000 लोगों को रोजगार प्रदान किए गए हैं। सराहन के समीप ज्यूरी तथा कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां में दो इंजीनियरिंग कालेज खोले गए। सिरमौर के धौलाकुआं में भारतीय प्रबन्धन संस्थान खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए 500 करोड़ की कौशल विकास भत्ता योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह 1000 रुपए जबकि विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को प्रतिमाह 1500 रुपए भत्ता प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 6 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें चंबा, हमीरपुर और नाहन को शीघ्र ही क्रियाशील बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मंडी जिला के नेरचौक में ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को शीघ्र क्रियाशील बनाया जाएगा। इस कॉलेज को राज्य सरकार को सौंपने के लिए राज्य सरकार और ईएसआईसी के बीच हाल ही में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर में एम्स जैसे बड़े संस्थान की स्थापना की जा रही है, जिससे राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र और सुदृढ़ होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है और राज्य में वर्तमान में 15534 पाठशालाएं तथा 115 कॉलेज कार्यरत हैं, जिनमें से 100 से अधिक कालेज कांग्रेस शासनकाल के दौरान खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण तथा दूरवर्ती क्षेत्रों में कालेज खोल रही है, ताकि लड़कियों को उनके घरद्धार के समीप गुणात्मक एवं उच्च शिक्षा सुनिश्चित बनाई जा सके।
उन्होंने लोगों को विभाजनकारी ताकतों से दूर रहने के प्रति सचेत करते हुए कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए सभी मिलजुल कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि कुछ तत्च निजी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लोगों को क्षेत्र तथा धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास करते हैं।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गेड़हवीं में 45.72 लाख रुपए की लागत से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 5.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित राजकीय डिग्री महाविद्यालय झंडुता के नवनिर्मित खंड के लोकार्पण किए। उन्होंने 1.36 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झंडुता का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कलोल में तहसील कल्याण कार्यालय तथा उप तहसील कार्यालय खोलने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झंडुता के विज्ञान खंड का भी लोकार्पण किया। उन्होंने घुमारवीं के समीप समोह में 67वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर पौधरोपण भी किया।
मुख्यमंत्री ने झंडूता में जनसभा को संबोधित करते हुए छूमन में आयुर्वेदिक औषद्यालय के नवनिर्मित भवन के शुभारम्भ की घोषणा की। उन्होंने नए स्तरोन्नत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बैहना-जट्टा, ग्राम पंचायत बरमाणा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बल्ला तथा ग्राम पंचायत धानी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धानी को क्रियाशील करने की घोषणाएं की।
उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जाड़ू और नखलेड़ा में विज्ञान कक्षाएं आरम्भ करने की तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नखलेड़ा में प्रशासनिक खंड की आधारशिला रखने की भी घोषणा की। उन्होंने ग्राम पंचायत तलाई में नए स्तरोन्नत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलाई को खोलने व झण्डुता में बीडीओ कार्यालय के स्रोत केन्द्र की आधारशिला की भी घोषणा की।