नाहन (एमबीएम न्यूज) : नशे की खेती में अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर दर्ज है। यहीं से नशे का सामान तैयार होकर कई देशों में पहुंचता है। बड़ी मात्रा में नाहन के समीप अफीम की खेती के पर्दाफाश ने यह सवाल उठाया है कि क्या मातर पंचायत का संभालका गांव भी मिनी अफगानिस्तान बन रहा था। 34,580 अफीम के पौधों का एक साथ मिलना इस बात को साबित करता है कि कारोबार छोटा नहीं था। इस मामले के तार कहां तक जुड़े हैं, यह बात तो जांच के बाद ही सामने आएगी।
करीब 800 मीटर के रकबे में खुलेआम अफीम की खेती करना काफी जोखिमपूर्ण था। हाल ही में मंडी पुलिस ने करसोग में तीन मामलों में अफीम के साढ़े 11 हजार पौधे नष्ट किए थे। साथ ही शिमला पुलिस ने भी अफीम-चरस के बड़े सरगना दीप राम को काबू करने में सफलता हासिल की थी। मजेदार बात यह है कि नाहन के समीप इस मिनी अफगानिस्तान का पर्दाफाश ठीक उस वक्त हुआ, जब अफीम के पौधों में जमकर फूल खिले हुए थे। साथ ही फसल कटने की भी तैयारी थी।
मामले की नजाकत को समझते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान ने दो बार घटनास्थल का जायजा लिया। साथ ही एसपी सौम्या सांबशिवन ने भी बुधवार देर दोपहर मौके पर जाकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। हर कोई इस बात से आश्चर्यचकित है कि नाहन के समीप साल के जंगलों की आड़ में अफीम उग सकती है। अमूमन इसकी खेती की खबरें ऊंचाई वाले क्षेत्रों से ही आती रही हैं। अलबत्ता इतना जरूर है कि मारकंडा नदी के किनारे भांग मलकर चरस जरूर तैयार की जाती है। पुलिस को खुद भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि मामला बेहद संगीन है, क्योंकि 34 हजार पौधों को एक साथ ढूंढना आसान नहीं है।
उधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा-18 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि अफीम के पौधों को नष्ट कर दिया गया है। साथ ही आरोपी इंद्रपाल की गिरफ्तारी की भी पुष्टि की।