देहरादून (शैलेंद्र कालरा): कहावत है कि चिराग तले अंधेरा होता है। पहले जब खली की कद्र हिमाचल नहीं कर रहा था तो पंजाब ने उसे पलकों पर बिठा लिया। रेसलिंग के अंतरराष्ट्रीय पटल पर समूचे देश का नाम रोशन कर दिया, तब भी हिमाचल ने अपने इस कोहिनूर को नहीं पहचाना। करीब एक साल पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खली की प्रतिभा को गहराई से देखा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने उस वक्त रेसलिंग शोज का सपना देखा था, जब खली उनसे शिष्टाचार भेंट करने पहुंचे थे।
पदमश्री जसपाल राणा व खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल खली को स्टेडियम के बारे में जानकारी देते हुए।फैैसला लिया गया कि क्यों न देवभूमि उत्तराखंड में ही रेसलिंग के रिंग में खली उतरें। एक वर्ष पहले देखा गया सपना अब चरितार्थ होने जा रहा है। विश्व के कई देशों में अपनी ताकत का लोहा मनवा चुके हिमाचली गबरू ‘महाबली द ग्रेट खली’ पहली बार भारत में खुद भी रिंग में उतरेंगे। इन सुनहरी पलों के गवाह उत्तराखंड के हल्द्वानी व देहरादून शहर बनेंगे। बेशक ही हिमाचल सरकार ने खली को कोई ऐसा न्यौता नहीं दिया, लेकिन उत्तराखंड की सरकार ने अपने सपने को सार्थक बनाने के लिए कोई कमी नहीं रखी है।
दूसरे खली का हिमाचल के सिरमौर में अपना पैतृक गांव नैनीधार भी उत्तराखंड की सीमा से सटा हुआ है। टौंस नदी खली के घर को उत्तराखंड से विभाजित करती है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क की जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री हरीश रावत के ओएसडी हरपाल रावत व अंतरराष्ट्रीय शूटर एवं पदमश्री जसपाल राणा सपने को साकार करने के सूत्रधार हैं। 24 फरवरी को हल्द्वानी में प्रस्तावित रेसलिंग शो को लेकर आज खली ने उस स्टेडियम का दौरा किया, जहां शो होना है। इसके बाद देहरादून में 28 फरवरी को शो होगा। इन दोनों शोज में खली खुद भी रिंग में उतरेंगे। साथ ही करीब एक दर्जन विदेशी रेसलर्स भी अपना दमखम दिखाने पहुंचेंगे।
खली की जालंधर स्थित अकादमी सीडब्ल्यूई में रेसलर्स तैयारी के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं। सोमवार को यहां पहुंचने पर खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने खली का स्वागत किया था। इसके बाद खली ने देहरादून में उस स्टेडियम का भी जायजा लिया, जहां 28 फरवरी को शो तय है। खली के इन दोनों शोज की जिम्मेदारी इंटीग्रेटिड ब्रांड सॉल्यूशन(आईबीएस)संभाल रही है। आईबीएस इस माह के अंत तक शोज की प्रमोशन के अलावा टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर देगी।