नाहन, 29 जनवरी: बेशक ही सिरमौर की मिनी विधानसभा में कांग्रेस ने बहुमत का दावा कर दिया है, मगर भाजपा ने भी हार नहीं मानी है। अंदरखाते की सियासत जारी है।
नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर भाजपा चेयरपर्सन को लेकर किसे उम्मीदवार बनाती है। काफी हद तक यह तय माना जा रहा है कि चेयरपर्सन व उपाध्यक्ष का फैसला निर्विरोध नहीं होने वाला। 30 जनवरी को 17 सीटों वाली जिला परिषद में नव निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो रहा है। शनिवार को ही इस बात का खुलासा होगा कि कितने सदस्य शपथ लेने पहुंचते है।
ये भी दीगर है कि कल केवल शपथ ग्रहण ही है, इसके बाद चुनाव नहीं होगा। इसके लिए 1 फरवरी की तिथि तय हुई है। एक फरवरी को दो-तिहाई बहुमत की शर्त है, जबकि अगली बैठक में साधारण बहुमत से ही अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का फैसला होगा। अधिकतर स्थानों पर शपथ के बाद चुनाव भी करवाया जाता है।
फिलहाल भाजपा के पाले में ओबीसी से ताल्लुक रखने वाली दो महिलाएं हैं। इसमें संगड़ाह वार्ड से जीती सीमा कन्याल हैं, जबकि बनकला वार्ड से जीती निर्मला देवी भी ओबीसी से ताल्लुक रखती हैं। चूंकि सीमा कन्याल उस वार्ड से जीत कर आई है, जो ओबीसी महिला के लिए आरक्षित था। लिहाजा, ये बड़ा कारण माना जा रहा है कि बीजेपी सीमा कन्याल को उम्मीदवार बना सकती है।
यह अलग बात है कि सियासी जोड़-तोड़ में निर्मला देवी को कम नहीं आंका जा सकता। इतना भी तय है कि इन दोनों में से ही भाजपा को चेयरपर्सन का दावेदार उतारना होगा।
उधर, जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो नीलम शर्मा को ही हाॅट सीट का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कांग्रेस के पाले में भी भंगानी वार्ड से जीती अंजना शर्मा ओबीसी से हैं। दोनों ही दलों के पास हाॅट सीट के लिए दो-दो ओबीसी महिलाएं हैं।
नजरें इस बात पर भी टिकी हैं कि सत्ता पक्ष व विपक्ष उपाध्यक्ष के पद के लिए किसे उतारने की तैयारी में है। दोनों ही तरफ से इसकी तस्वीर साफ नहीं हुई है। कुल मिलाकर लोगों में यह जानने की जिज्ञासा भी है कि क्या भाजपा अपने विरोधी दल के खेमे में सेंध लगाकर जिला परिषद की सत्ता पर काबिज हो जाएगी या नहीं या फिर कांग्रेस अपने किले को बचाकर रिपीट करेगी। उल्लेखनीय है कि चुनावी नतीजों में कांग्रेस व भाजपा को 8-8 सीटें मिली हैं। एक निर्दलीय का समर्थन भी कांग्रेस ने जुटाने का ऐलान पहले ही कर रखा है।