पांवटा साहिब, 8 नवंबर: उपमंडल के कुंजा मतरालियों में तीन साल की मासूम को मौत देने वाली कलयुगी औरत ने गुनाह कबूल (Confession of crime) कर लिया है। हल्की सख्ती पर ही सब कुछ उगल दिया है। दरअसल, वो मासूम को एक साल से ही धीमी मौत (Slow Death) दे रही थी। बच्ची की रोजाना बेरहमी से पिटाई (Brutally beating) आरोपी औरत की आदत बन चुकी थी। उस दिन तो बच्ची को टाॅयलेट की सीट (Toilet Seat) पर इस कद्र पटका कि बच्ची दोबारा उठ नहीं पाई। यहां तक की टाॅयलेट सीट भी टूट गई। हर कोई इस बात पर भी अचंभित है( Surprised) कि दो साल की बच्ची इतना दर्द कैसे सहन कर पा रही होगी।
प्रारंभिक जांच (initial screening) में यह भी खुलासा हो गया है कि टाॅयलेट सीट पर पटकने के बाद मासूम को ठंडे पानी से नहलाया भी गया। जब बच्ची बेहोशी (unconsciousness) से नहीं जागी, तब उसे एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में ले जाया गया। दर्द निवारक इंजेक्शन लगवाकर लौटी तो बच्ची की मौत हो चुकी थी। ड्रामा रचकर निजी अस्पताल पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप मढ़ दिया। शायद, कुदरत भी बच्ची के लिए इंसाफ (Justice) चाहती थी। यही कारण था कि वो बच्ची को वापस लेकर निजी अस्पताल दोबारा पहुंच गई। इसके बाद सिविल अस्पताल (Civil Hospital) भेजा गया। सजग पुलिस (Alert police) ने भी जांच को अपने तरीके से आगे बढ़ा दिया।
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इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि अगर महिला द्वारा बच्ची के शव को दफना दिया जाता ओर इसे नैचुरल मौत बता देती तो रोंगटे खडे़ कर देने वाली इस सनसनीखेज वारदात (Sensational incident) का खुलासा ही नहीं हो पाता। बताया जा रहा है कि इस मामले में अब आरोपी महिला के फौजी पति के अलावा ननद से भी पूछताछ की जाएगी। यह भी जानकारी आ रही है कि आरोपी महिला के 11 साल के बालक का बयान हालांकि कानूनी वैधता (Legal validity) न रखता हो, लेकिन उसने भी उस रात की रोंगटे खड़ी कर देने वाली घटना के बारे में खुलासा किया है। महिला ने भी गुनाह कबूलते हुए यह माना कि वो बच्ची को मारती तो थी, लेकिन उस दिन गुस्से की सीमा ही पार कर दी थी।