कुल्लू : मां भारती की रक्षा में लाल लगन चंद ने शहादत को चूम लिया है। तीर्थन घाटी मधुरभाषी लाल के अचानक ही इस तरह से चले जाने पर गहरे शोक में डूब गई है। चंद रोज पहले ही शहीद ने फोन पर बताया था कि लॉकडाउन के बाद छुट्टी मिलते ही वो 6 माह के बेबी से मिलने पहुंचेगा। अब तक शहीद लगन ने अपने शिशु को जन्म के बाद देखा तक नहीं था। केवल तस्वीरों व वीडियो कॉल से ही स्नेह भेजता रहा। लंबे अरसे से सेना में तैनात लगन को छुट्टी नहीं मिली थी। अपने पीछे माता-पिता, भाई-भाभी, पत्नी व नवजात बच्चे को छोड़ गया है।
शहीद का पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से भुंतर पहुंचने की सूचना है। वीरवार को अंत्येष्टि होगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि लाल ने शहादत को कैसे चूमा। इतना जरूर पता चल गया है कि बेटे ने राजस्थान में कर्त्तव्य निर्वहन करते हुए प्राणों को त्यागा है। तीर्थन घाटी का हर कोई व्यक्ति बेटे की देशभक्ति, वीरता व बलिदान पर गर्व कर रहा है। जानकारी के मुताबिक पढ़ाई के दौरान ही लगन 2011 में सेना में भर्ती हो गया था। शिल्ली पंचायत के गरुली के रहने वाले लगन को बचपन से ही सेना में भर्ती होने का चाव था।
उप प्रधान मोहर सिंह का कहना है कि वो मिलनसार था, साथ ही उसमें देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा था। गौरतलब है कि चंद रोज पहले भी उत्तर कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में कुल्लू जिला के ही एक अविवाहित बालकृष्ण ने शहादत को चूमा था।