इंसानों में कोरोना वायरस का संक्रमण किस प्रकार से फैला इसको लेकर अनेक शोध चल रहे हैं | यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का स्रोत क्या था | खोज जारी है और कोरोना वायरस के जैविक हथियार होने और लैब में तैयार किए जाने को लेकर अनेक कहानियां सामने आ रही हैं |
चीन कभी अमेरिकी सेना पर वायरस फैलाने का आरोप लगाता है तो कभी और डब्ल्यू.एच.औ. के साथ यह कहता है कि यह चमगादड़ और एक जंगली जानवर, संभवतः पैंगोलिन के माधयम से इंसानों में फैल गया |
चीन और अमेरिका के आरोप और प्रत्यारोप कि बीच विश्व कि कुछ जाने माने वैज्ञानिक और डाक्टर कोरोना वायरस को एक बड़ा षड्यंत्र बता रहे है | अमेरिका के उन्नत चिकित्सा और नैदानिक अनुसंधान केंद्र संस्थापक डॉ. रा. ए. बुट्टर कहते है कि यह वायरस चमगादड़ का सूप पीने या जंगली जानवरों के संपर्क में आने से नहीं फैला बल्कि यह वायरस नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में 2015 बना लिया था | चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की जानीमानी वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली जिसे (चमगादड़ औरत) के नाम से भी जाना जाता इस पर बहुत समय तक अनुसन्धान किया और हाइब्रिड वर्शन तैयार किया |
डॉ. बुट्टर बताते हैं कि अमेरिका ने बाद में चीन और वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली को कोरोना वायरस पर शोध कि लिए अनेक सकोलरशिप भी दिए | यह खुलासा 2015 में ही हो गया था की जेनेटिक इंजीनियरिंग (अनुवांशिक अभियांत्रिकी) के द्वारा कोरोना वायरस के हाइब्रिड वर्शन तैयार किए जा रहे है और इसके खतरों के बारे में भी आगाह किया गया था | ऐसे में यह संभव है की कोरोना वायरस COVID-१९ जिसे हाइब्रिड वर्शन माना जा सकता है चीन की जानी मानी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब से जाने या अनजाने में फैल या फैलाया गया हो |
इंगलैंड के षड्यंत्र सिद्धांतकार (conspiracy theorist) डेविड इके ने भी कोरोना वायरस के फैलाने को लेकर अनेक सवाल उठाए है | सवाल इस बात को लेकर भी है कि जहां विश्व कि अधिकतर देशों में उत्पादन बंद पड़ा है और देश लोकडाउन में हैं | चीन ने अपना उत्पादन बढ़ा लिया है और इस आपात काल में सभी देशों को मनमाने दामों में चिकित्सा सामान बेचने में लगा हुआ है | चीन यह भली भांति जानता है कि विश्व कि अधिकतर देश दवाओं और जरुरी सामान कि लिए चीन पर ही निर्भर है और इस समय उसे कोई आँख नहीं दिखा सकता | ऐसे में विश्व कि कुछ देशों की नजर भारत पर भी है क्योकि भारत ने चीन पर अपनी निर्भता कम करते हुए देश में ही निर्माण पर जोर दिया है, अमेरिका और यूरोप के कई देशों में अब लोग चीन से सामान न खरीद कर भारत पर विश्वास करने की बात कर रहे हैं | यह बात अब किसी से छिपी नहीं हैं कि कोरोना वायरस के बहाने चीन पैसा कमाने में जुटा है | वहीं शेयर बाजर में मंदी के चलते चीनी सरकार कई कम्पनियो के शेयर खरीद कर वैश्विक महाशक्ति बनने की तैयारी में लगे हैं |
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी कोरोना वायरस संक्रमण के पीछे चीन का हाथ होने की बात कही है | वहीं अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप भी कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहते रहे हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस संक्रमण के लिए चीन को दोषी नहीं मानता और लगातार चीन की पीठ थपथपा रहा हैं |