धर्मशाला : हालांकि मौसम के खलल ने प्रत्याशियों के प्रचार में बाधा डाल रखी है। मगर, चुनाव की तिथि नजदीक आते-आते धर्मशाला उपचुनाव का प्रचार धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। प्रत्याशी बारिश की परवाह न करते हुए छाता लेकर डोर टू डोर मतदाताओं से संपर्क साधने में जुटे हैं। वैसे चुनाव काफी दिलचस्प नजर आ रहा है। क्योंकि इस दफा दोनों प्रमुख दलों ने युवा प्रत्याशियों को मौका दिया है। कांग्रेस ने जहां विजय इंद्र को उतारा है।
वहीं भाजपा ने विशाल नैहरिया पर दांव लगाया है। दोनों ही प्रत्याशी अपने बलबूते विधानसभा उपचुनाव में टिकट झटकने में सफल हुए हैं। दोनों की राजनीतिक पृष्ठ भूमि हालांकि छात्र संगठनों से जुडी रही। मगर, दोनों का कोई राजनीतिक गॉड फादर नहीं है। न ही पारिवारिक पृष्ठ भूमि राजनीति से जुडी है। दोनों उम्मीदवारों में सिर्फ एक समानता है। दोनों का ताल्लुख गद्दी समुदाय से है। इस समुदाय का चुनाव में जीत व हार में महत्त्वपूर्ण रोल रहता है।
डिसाइडिंग फैक्टर होने के चलते अब गद्दी समुदाय के वोट दोनों प्रत्याशियों में बटेंगे। अन्य बिरादरियों का रोल चुनाव में महत्त्वपूर्ण हो गया है। खास कर ब्राह्मण, राजपूत, गोरखा व चौधरी समुदाय के वोट किसके पाले में जाएंगे। यह भुनाने में जो युवा उम्मीदवार सफल रहेगा, जीत निश्चित रूप से उसकी होगी। कांग्रेस के विजय इंद्र कारण को पूर्व विधायक सुधीर शर्मा का समर्थन फिलहाल मिलता दिखाई दे रहा है। वहीं, भाजपा के विशाल नेहरिया के साथ पूरी भाजपा सरकार खड़ी है।
सांसद किशन कपूर के अलावा भाजपाई दिग्गज शांता कुमार भी विशाल की जीत के लिए पसीना बहा रहे हैं। विधानसभा चुनावों में यहां से किशन कपूर ने थोड़े अंतराल से कांग्रेस उम्मीदवार सुधीर शर्मा को हराया था। उसके बाद किशन कपूर सांसद बन गए। सुधीर शर्मा इस बार उपचुनाव में मैदान से पीछे हट गए हैं। इस प्रकार भाजपा को जहां अपनी इस सीट को बरक़रार रखने की जदोजहद करनी पड़ रही है। वहीं कांग्रेस अपने खोए हुए जनाधार को दोबारा पाने के लिए प्रयास रत है। कुल मिलकर चुनाव बेहद ही दिलचस्प है। फिलहाल किसी एक के जीत का दावा नहीं किया जा सकता।