शिमला (एमबीएम न्यूज): आयकर विभाग ने प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है। इनकम टैक्स विभाग ने 2009 से सरकारी कर्मचारियों से रिकवरी के नोटिस आहरण एवं वितरण अधिकारी, डीडीओ के माध्यम से जारी किए हैं, ताकि पुरानी रिकवरी पैनल्टी और ब्याज सहित की जा सके। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2009 से कर्मचारियों को मार्च का वेतन 31 मार्च को ही देने का फैसला किया था। पहले मार्च का वेतन अप्रैल में मिलता था।
इस तरह कर्मचारियों को एक माह में दो बार वेतन मिल जाने से वित्त वर्ष में इनकी संख्या भी 12 की बजाए 13 हो गई। कर्मचारियों के पास एक साल में 13 माह का वेतन पहुंचा था। डीडीओ के माध्यम से कर्मचारियों और अधिकारियों का आयकर विभाग में जमा किया जाता है। आयकर विभाग अब आयकर का पूरा लेखा-जोखा ऑनलाइन करता है और आयकर जमा करने वाले सरकारी कर्मचारियों की वर्ष 2009 से आयकर संबंधित मांग स्टैंड है।
यह राशि जब तक जमा नहीं होगी, यह डिमांड कंप्यूटर में दिखाई देती रहेगी। अब आयकर विभाग ने सरकारी कर्मचारियों से आयकर रिकवरी के लिए नोटिस भेजा है और एक माह का समय देकर पूछा जा रहा है कि क्यों न रिकवरी की जाए। सूत्रों के मुताबिक आयकर रिकवरी को लेकर कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से भी बुलाया जा रहा है और उनको कहा जा रहा है कि चार दिन के भीतर बकाया राशि पेनल्टी और ब्याज सहित जमा करें। बकाया राशि का ब्याज प्रति माह एक फीसदी के हिसाब से वसूला जाना है। वर्ष 2015 तक की रिकवरी कर्मचारियों से होनी है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सरकार पर हिमाचल के कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप लगते हुए इस मामले को गंभीरता से लेने की चेतावनी देते हुए आगाह किया कि पहले से हिमाचल के लाखों कर्मचारियों का आर्थिक शोषण हो चुका है। सरकार समय-समय पर आर्थिक मार झेल रहे हिमाचल के कर्मचारियों के साथ दोगला व्यवहार करती आई है।
महासंघ के प्रदेश प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. मामराज पुंडीर ने बताया कि वर्ष 2009 में सरकार ने कर्मचारियों को मार्च का वेतन 31 मार्च को देने का फैसला किया था। इसके बाद से ही समस्या उत्पन्न हुई है। डॉ पुंडीर ने कहा कि उस समय तो आयकर विभाग ऑनलाइन भी नहीं होता था और 2009 से तक्ष के उपर ब्याज समेत चुकाना अन्याए है, जिसे कर्मचारियो पर थोपा जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार की इस प्रक्रिया के कारण यह गलती हुई है। कर्मचारियों से रिकवरी करना उचित नहीं है। यह मामला सरकार से उठाया गया है।