शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज व शहरी निकायों के चुनाव का माहौल बनना शुरू हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शहरी निकायों के वार्डों के पुनर्सीमांकन का शैडयूल जारी कर दिया है। इसके तहत शहरी निकायों के वार्डों का आरक्षण 4 नवंबर तक तय कर लिया जाएगा, जबकि वार्डों के पुनर्सीमांकन का कार्य 29 अक्तूबर तक पूरा करना होगा।
इस बाबत 5 नवंबर तक आरक्षण की अंतिम रिपोर्ट तय हो जाएगी। हालांकि शहरी विकास विभाग पहले से ही इस प्रक्रिया को शुरू कर चुका था, लेकिन अंतिम ड्राफ्ट प्रकाशित नहीं हुए है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक 19 सितंबर तक प्रस्ताव प्रकाशित होंगे। इस पर 29 सितंबर तक सुझाव व आपत्तियां सौंपी जा सकेंगी। डीसी के स्तर पर 10 दिन के भीतर सुझावों व आपत्तियों का निपटारा होगा। इसके बाद 10 दिन का वक्त अपील के लिए रखा गया है, जिसे मंडल आयुक्त के समक्ष दायर किया जा सकेगा। इस अपील का निपटारा भी 10 दिन के भीतर करना होगा।
आयोग ने कहा है कि अगर कोई आपत्ति नहीं मिलती, तो उस स्थिति में उपायुक्त अपने स्तर पर पुनर्सीमांकन की अंतिम अधिसूचना जारी कर सकते हैं, ताकि इससे समय की बचत की जा सके। इसके बाद ही वार्डों के आरक्षण का कार्य शुरू किया जा सकता है। आयोग की अधिसूचना के मुताबिक आरक्षण एचपी म्युनिसिपल एक्ट-1994 व एचपी म्युनिसिपल रूल्ज 2015 के अनुसार किया जा सकेगा।
उपायुक्त स्तर पर यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने की सूचना फौरन ही सरकार को दी जाए, ताकि सरकार अंतिम आरक्षण के आदेश की जानकारी आयोग को उपलब्ध करवा सके। आयोग के सचिव डॉ. अश्वनी शर्मा ने कहा कि पहले से जारी प्रक्रिया को इस शैडयूल के अंतर्गत लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव की तैयारी की प्रक्रिया चल रही है।
कैसे होगा वार्डों का पुनर्सीमांकन?
जानकारी के मुताबिक पांच हजार की जनसंख्या तक 7, 15 व 20 हजार तक क्रमश: 9 व 11, 25 से 36 हजार की जनसंख्या तक क्रमश: 13 व 15 व 50 हजार तक की आबादी पर 27 वार्ड बनाए जा सकते हैं। शहरी निकायों के वार्डों की संख्या अधिकतम 27 हो सकती है।