सोलन : बचपन में जब बच्चे से पूछा जाता है कि वो बड़े होकर क्या बनना चाहता है तो जवाब मिलता है, डॉक्टर, इंजीनयर, एसपी, डीसी आदि.. मगर शहर का एक युवक कहता था कि उसे तो औरो के लिए जीना है।
“नेकी कर दरिया में डाल” कहावत “राजू भाई” पर बखूबी लागू होती है, जो बिना किसी लोभ व लालच के दिन रात लोगो की सेवा करने में भागा फिरता है। शहर का बच्चा बच्चा “राजू भाई” के नाम से परिचित है। मरीज को आईजीएमसी शिमला या पीजीआई चंडीगढ़ ले जाना हो तो राजू भाई आप को एम्बुलेंस के साथ पहले तैयार खड़े मिलेंगे। यही नहीं दुख की घडी में परिवार वालों का हौंसला बढ़ाते हुए शवों को सिरमौर, शिमला या बाहरी राज्यों के इलाको में पहुँचाने का काम भी राजू भाई बिना माथे पर शिकन डाले ख़ुशी-खुशी करते है।
रोटरी क्लब की एम्बुलेंस एवं शव वाहन के चालक राजू एक ऐसी शख्सियत है, जो सोलन में किसी पहचान का मोहताज नहीं है। अपनी क़ाबलियत, ईमानदारी व काम के प्रति सच्ची निष्ठा से वो आज लोगो के दिलो में राज कर रहे है। एक माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे राजेश वर्मा उर्फ राजू का बचपन से समाज सेवा के कार्यों में रूचि थी।
वर्ष 2002 से अपनी प्राइवेट गाड़ी से लोगो की मदद करने का जुनून इस कद्र चढ़ा कि 2004 में रोटरी क्लब के माध्यम से लोगो को अपनी सेवाएं दे रहे है। 2002 से लेकर आज दिन तक सोलन में हुई अधिकतर मौतों में राजू भाई ने शवों को चम्बाघाट स्थित स्वर्ग धाम तक पहुँचाया है। अस्पताल में कोई एक्सीडेंट केस हो या पोस्टमार्टम करवाने की बात हो राजू भाई परिजनों की सहायता करते नजर आते है। मुसीबत के समय में लोगो के लिए मसीहा बनने वाले राजू भाई आज समाज में उन लोगो लिए मिसाल है जो तड़फते लोगो की मदद की बजाय तमाशबीन बन जाते है।