मंडी : भारी बारिश के कारण जिला में भी भारी तबाही मची है। बीते कल से हो रही लगातार बारिश के कारण सामान्य जनजीवन तो अस्त व्यस्त हुआ ही है, करोड़ों का नुकसान भी लोगों को झेलना पड़ रहा है। राहत की बात यह है कि अभी तक कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। ब्यास नदी के जलस्तर में लगातार इज़ाफा हो रहा है। यह इतिहास दोहराने की तरफ बढ़ रहा है। सितंबर 1995 को मनाली के पास बादल फटने के कारण ब्यास नदी ने खूब तबाही मचाई थी। उस वक्त नदी का जलस्तर ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल को छू गया था।
हालांकि पिछले साल भी भारी बारिश के कारण नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस बार उससे भी ज्यादा है। नदी का जलस्तर लगातार बढ रहा है। पंचवक्त्र महादेव का मंदिर 25 प्रतिशत से अधिक पानी में डूब गया है। वहीं शहर के वार्ड नंबर-13 में शमशानघाट के पास पार्क की गई नगर परिषद और स्थानीय लोगों की करीब आधा दर्जन गाडि़यां पानी में बह गई हैं। इससे लाखों का नुकसान हो गया है। वहीं घरों में पानी घुसने के कारण लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है और सुरक्षित स्थानों की तरफ जा रहे हैं। वहीं नदी में एक जेसीबी भी डूब गई है।
नुकसान का जायजा लेने डीसी ऋग्वेद ठाकुर खुद मौके पर जा रहे हैं। डीसी के अनुसार जिला के अधिकतर मार्ग बंद हैं और इन्हें खोलने का तुरंत प्रभाव से कार्य किया जा रहा है। भूस्खलन के कारण यह मार्ग बाधित हुए हैं जबकि दवाड़ा के पास नदी का पानी नेशनल हाईवे पर आने के कारण इसे यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में अभी तक किसी जानी नुकसान की जानकारी नहीं है। वहीं उन्होंने लोगों से अनावश्यक यात्राओं को टालने की अपील की है क्योंकि मौसम विभाग ने आज भी जिला में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है।