नाहन (एमबीएम न्यूज): रामकुंडी मैदान को लेकर उपजे विवाद पर अब नगर परिषद यू-टर्न ले सकती है। इसके लिए विशेष बैठक जल्द ही बुलाई जा सकती है। दरअसल इस मैदान का नामांकरण ईदगाह के तौर पर कुछ सप्ताह पहले किया गया। इसी को लेकर धार्मिक संगठनों ने कड़ा एतराज जताया। शहर के करीब आधा दर्जन संगठनों ने इस पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि इस वजह से शहर के सौहार्दपूर्ण वातावरण पर असर पड़ेगा।
नगर परिषद ने भी यह कदम चुनाव से चंद महीने पहले उठाया, इसलिए इसे राजनीतिक वोटबैंक से भी जोड़ दिया गया था। दीगर बात यह है कि 1947 में देश के बंटवारे के दौरान भी हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का सौहार्द कायम रहा था। सूत्रों के मुताबिक कुछ पार्षदों ने मैदान को ईदगाह किए जाने पर खामोशी से आपत्ति जताई थी। यानि उन पार्षदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
दरअसल दशकों से सेना ग्राऊंड में मुस्लिम समुदाय द्वारा नमाज को अदा किया जाता था किन पिछले पांच सालों से सेना ने यह कहकर आपत्ति जतानी शुरू कर दी कि ईद के दिन कुछ अजनबी भी सैन्य क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। धीरे-धीरे सेना ने समुदाय को नमाज अदा करने से साफ तौर पर मना कर दिया। इसके बाद ही रामकुंडी में मैदान का निर्माण हुआ, ताकि इस मैदान में नमाज अदा की जा सके।
उधर नगर परिषद के उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता ने माना कि इस विवाद पर जल्द ही बैठक बुलाए जाने पर विचार-विमर्श हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले फैसले पर पुनर्विचार करने के मकसद से ही बैठक बुलाई जाएगी क्योंकि नगर परिषद कतई नहीं चाहती है कि दो समुदायों के बीच आपसी भाईचारे की भावनाओं को ठेस पहुंचे।