नाहन (शैलेंद्र कालरा): सिरमौर में व्यापारियों ने आबकारी व कराधान विभाग को टैक्स का चूना लगाने के लिए एक शातिर तरीका ढूंढा हुआ है। विभाग ने सीधे ही इसे फर्जीवाड़ा करार दिया है। इस तरीके में अगर किसी व्यापारी को 5120 रुपए का टैक्स देना है तो उसमें 512 रुपए जमा करवाए जाते हैं। रसीद पर बाद में 0 को दर्शा दिया जाता था, ताकि विभाग को लगे कि पूरा टैक्स जमा हुआ है।
कुछ समय पहले शिमला में आयोजित बैठक में विभाग ने राज्य के तमाम सहायक आयुक्तों को ट्रेजरी रिसिप्ट (टीआर) की पड़ताल करने को कहा था। इसी के आधार पर जब नाहन में ईटीओ स्तर के अधिकारी ने इसे जांचा तो गड़बड़ी पाई गई। इसी के बाद मुख्यालय को सूचना दी गई। इस फर्जीवाड़े को सराहां व नाहन क्षेत्र के व्यापारी बेहद शातिर तरीके से अंजाम दे रहे थे। इसके तहत ट्रेजरी रिसिप्ट(टीआर) में छेड़छाड़ की जा रही थी।
हालांकि अब तक यह तय नहीं हुआ है कि इस फर्जीवाड़े में विभाग को कितनी राशि का चूना लगाया गया है, लेकिन विशेष ऑडिट में इसकी पुष्टि हो गई है। लिहाजा अब विभाग ने गहराई से ऑडिट करवाने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक टे्रजरी में असल टैक्स को जमा नहीं करवाया जाता था, बल्कि इसकी रसीद पर छेड़छाड़ की जाती थी। सूत्रों का कहना है कि अब विभाग पिछले तीन सालों का ऑडिट करवा सकता है।
यह भी पता चला है कि शुरूआती छानबीन के आधार पर विभाग ने इस मामले में पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज करवाने का सैद्धांतिक फैसला कर लिया है। लेकिन विभाग इससे पहले विस्तृत तरीके से विशेष ऑडिट करना चाहता है क्योंकि पूरे मामले में एक ही एफआईआर करवाई जाएगी। यह भी जांच का विषय है कि विभाग के कर्मचारियों की इसमें मिलीभगत है या नहीं। फिलहाल विभाग इस मामले में पूरी सावधानी बरत रहा है क्योंकि इस मामले के खुलासे से कई प्रतिष्ठित व्यापारी भी चपेट में आ सकते हैं।
क्या कहा विभाग के आयुक्त ने?
आबकारी व कराधान विभाग के आयुक्त जेसी चौहान ने फर्जीवाड़े की पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल यह नहीं पता लगा है कि कितने टैक्स का फर्जीवाड़ा हुआ है, लेकिन यह तय है कि गड़बड़ी की जा रही थी। उन्होंने कहा कि विशेष ऑडिट टीम को दोबारा नाहन भेजा जा रहा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज करवाया जाएगा।