शिमला / नाहन (एमबीएम न्यूज): एक अरसे से राज्य में गुटके की बिक्री प्रतिबंधित है। साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट के धुएं के छल्ले उड़ाने पर भी रोक है, लेकिन सब कुछ चलता है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क के हाथ एक दिलचस्प फार्मूला लगा है, जिसको इस्तेमाल कर चंद मिनटों में ही गुटके की पुडिय़ा तैयार हो जाती है।
दरअसल खुले तौर पर सामान्य पान मसाला व तंबाकू की अलग-अलग पैकिंग की बिक्री पर कोई भी प्रतिबंध नहीं है। इसकी बिक्री की आड़ में आबकारी व कराधान विभाग हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व कमाता है। मगर वाहवाही लूटने के लिए गुटके की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह भी बताया गया कि तंबाकू को खुले
तौर पर नहीं बेचा जा सकता, लेकिन इस बात को लेकर असमंजस भी चलता रहा है।
एईटीसी वीके धीमान ने कहा कि विभाग केवल रजनीगंधा पर वैट वसूल करता है। जबकि सीएमओ डॉ. संजय शर्मा ने कहा कि बाजार में खुले तौर पर तंबाकू की पुडिय़ा की बिक्री पर प्रतिबंध है। अगर ऐसा हो रहा है तो जांच की जाएगी।
क्या है खुलेआम गुटका बनाने का फार्मूला?
1. बेशक ही प्रतिबंधित गुटका भी हिमाचल के बाजारों में चोरी-छिपे पहुंचता है, लेकिन बेहद आसानी से रजनीगंधा के साधारण पान मसाले को तुलसी के तंबाकू के साथ मिलाकर गुटका चंद मिनटों में ही तैयार हो जाता है। रजनीगंधा बाजार में 5 रुपए व 13 रुपए की पैकिंग में मिल जाता है, जबकि तुलसी का 00 नंबर तंबाकू 5 रुपए में उसी दुकान पर मिल जाता है, जहां से रजनीगंधा मिलता है। इस जुगाड़ में रजनीगंधा व तंबाकू को अच्छी तरह से मिलाकर गुटके का रूप दिया जाता है। इसके बाद खाने के शौकीन अपना सुरूर पूरा करते हैं।
2. यही हाल खैनी का भी है। खैनी तंबाकू के ऊपर सरकार द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि इस खैनी में दर्जनों खतरनाक कैमिकल मिलाकर बनाया जाता है। गुटके के विकल्प के तौर पर एक जुगाड़ यह भी है कि टुकड़ा सुपारी पर घटिया दर्जे के कत्थे का पाउडर मिलाकर उसमें 00 अथवा 120 नंबर का तंबाकू मिलाकर गुटके का प्रारूप तैयार किया जाता है। इस खतरनाक तरीके में बेकार तंबाकू का भी इस्तेमाल किया जाता है।