शिमला : पोस्टकोड 556 जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आईटी) के अभ्यार्थियों ने हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के सचिव पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया है। साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी अफसरशाही के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
अभ्यार्थियों का कहना है की मुख्यमंत्री से जब भी वह इस मामले को लेकर गुहार लगाते हैं तो उनका रटारटाया जवाब होता है की हम मामले को देख रहे हैं। कोर्ट ने जब सरकार को कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने को कहा तो सीधा जवाब न देकर सरकार ने कहा की डिग्रीधारक इस नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं। तीन साल बर्बाद करने के बाद सरकार के इस रवैये से तंग आकर अभ्यार्थी मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहे हैं। जहां एक तरफ प्रदेश सचिवालय में बाहरी राज्य के लोगों को नौकरियां दी जा रही हैं, वहीं स्थानीय बेरोजगार युवा परीक्षा उत्तीर्ण कर भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
एक अन्य पोस्ट कोड 727 जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आईटी) के बारे में बोर्ड के सचिव का कहना है की नए आरएनपी रूल के चलते भर्ती को वापिस लिया गया है। कई अभ्यार्थियों ने 360 रुपए फीस भी जमा करवा रखी है। वह अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। विभिन्न पोस्ट कोड्स के अभियार्थी सौरभ, दीपक, अमित शर्मा, दिग्विजय, अंकुश, अक्षय, अंशुल, काव्य, गरिमा, रूही, मुख्ता, दीक्षा आदि का कहना है की सरकार ने यदि समय रहते उनके विषय में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो इसके गंभीर परिणाम भाजपा सरकार को भुगतने होंगे।