नाहन : सोशल मीडिया में रविवार को प्रदेश निर्माता डॉ. वाईएस परमार को जयंती के अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाने की होड़ लगी हुई है। हर किसी के मन में यह विचार भी कौंध रहा था कि आखिर क्यों कांग्रेस इस बार प्रदेश निर्माता की जयंती को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तौर पर उनके पैतृक क्षेत्र में ही मना रही है। इसका जवाब कार्यक्रम के आयोजन के समय मिलता नजर आया। कांग्रेस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में विद्या स्टोक्स के अलावा कौल सिंह ठाकुर जैसे वयोवृद्ध नेता भी जुट गए।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तो नहीं आ सके, लेकिन उनका विधायक बेटा भी इस कार्यक्रम में मौेजूद रहा। इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायकों का भी जमावड़ा लगा। दरअसल, पच्छाद के भाजपा विधायक अब सांसद हो चुके हैं। लिहाजा, दिसंबर से पहले उप चुनाव भी होना है। कार्यक्रम के दौरान इस बात की सुगबुगाहट भी नजर आई कि उप चुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीति का ही यह हिस्सा था कि इस बार क्यों न पच्छाद के भीतर ही डॉ. परमार की जयंती को मनाया जाए, ताकि आने वाले उप चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार किया जा सके।
ऐसा भी बताया गया कि 37 साल के इतिहास में बतौर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह या उनकी सरकार से कोई भी वरिष्ठ मंत्री निर्माता की जन्मस्थली नहीं पहुंचा। ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि उपचुनाव को लेकर बिसात बिछाई गई है।
जहां तक पार्टी के टिकट का सवाल है तो ऐसा माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर को ही एक आखिरी मौका दिया जा सकता है। इसमें मुसाफिर के लिए डू एंड डाई की स्थिति होगी। उल्लेखनीय है कि कुछ सप्ताह पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने नाहन में पत्रकारवार्ता में इस बात का ऐलान किया था कि इस साल कांग्रेस द्वारा प्रदेश निर्माता के घर पर ही राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा।
रोचक बात यह भी है कि हर साल प्रदेश निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले कांग्रेसी नेताओं में अधिकतर चेहरे ऐसे थे, जो प्रदेश निर्माता की जन्मस्थली में पहली बार पहुंचे होंगे। जानकारी के मुताबिक प्रदेश निर्माता के बड़े बेटे लव परमार अपने बागथन स्थित पैतृक घर में मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि डॉ. परमार का जन्म बागथन के चनालग में हुआ था। इसके बाद परिवार बागथन में भी रहा।
उल्लेखनीय है कि जयंती की पूर्व संध्या के अवसर पर भाषा विभाग ने नाहन में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के अलावा पूर्व विधायक कुश परमार व उनका परिवार भी मौजूद था। कुल मिलाकर यह तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है कि कांग्रेस कहीं न कहीं उप चुनाव में डॉ. परमार की जयंती का सियासी लाभ उठाने की फिराक में थी।