एमबीएम न्यूज़/शिमला
बिलासपुर की रैली में अमित शाह ने जनता से कहा था कि आप अनुराग को जीता कर संसद भेजो इसे बड़ा नेता बनाने की जिम्मेदारी मेरी है। अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने अपना वादा निभा दिया है। जीत का चौका लगाते हुए अनुराग ठाकुर भारी मतों से विजयी हुए हैं। अब बारी केंद्रीय नेतृत्व की है। युवा होने के साथ-साथ अनुराग ठाकुर चौथी बार संसद में पहुंचे हैं। स्वाभाविक है कि हिमाचल की जनता उन्हें किसी बड़े ओहदे पर देखना चाहती है।
अनुराग ठाकुर की कामयाबी की शुरुआत युवा अवस्था से हो गई थी। 24 अक्टूबर 1974 को जन्मे अनुराग ठाकुर ने अपनी स्कूली शिक्षा जालंधर के दयानंद स्कूल से पूरी की। उसके बाद दोआबा कॉलेज से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। मई 2008 में अनुराग ने पहली दफा लोकसभा उपचुनाव से जीत की शुरुआत की। उसके बाद वो लगातार 14वीं, 15वीं व 16वीं लोकसभा में जीत की हैट्रिक लगाकर हमीरपुर से सांसद बनते गए।
इस दफ़ा उन्होंने जीत का चौका लगाया। उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। वह कई साल तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। मई 2016 से फरवरी 2017 तक वह भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
2011 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार भी मिला। जनवरी 2011 में राष्ट्रीय एकता यात्रा निकाल कर अपनी जबरदस्त पहचान बनाई। अनुराग ठाकुर की शादी पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर की बेटी शेफाली ठाकुर से हुई है। उनके दो पुत्र हैं। इस बार देश के करोड़ों युवाओं के साथ प्रदेश के लाखों लोग अनुराग ठाकुर को किसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की आस लगाए बैठे है। वर्तमान में वह लोकसभा में मुख्य सचेतक रहे हैं।