नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश के दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक संयोजक एंव पूर्व जिप सदस्य चमन राही ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले में एक्टोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि मामले में संलिप्त प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारी और शिक्षण संस्थानों पर एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाए। वीरवार को दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक संयोजक एंव पूर्व जिप सदस्य चमन राही, राष्ट्रीय किसान संगठन के महासचिव मास्टर लाल मन और दलित वर्ग प्रचार सचिव परमानंद ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले में एफआईआर दर्ज भले की गई। जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपी गई है। लेकिन मामले में कछुआ चाल से जांच की जा रही है।
यह मामला सीधे प्रदेश के करीब 36 हजार और मंडी संसदीय क्षेत्र के करीब 12 हजार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों से जुड़ा है। उन्होंने 15 दिन का सरकार को अल्टिमेटम देते हुए कहा कि सरकार पंद्रह दिन के अंदर पात्र विद्यार्थियों के खाते में पैसा जमा करवाए। अन्यथा संबंधित शिक्षण संस्थानों से पैसे लेकर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मामले में जल्द कार्रवाई अमल में ला कर दोषी अधिकारियों को जेल में भेजा जाए।
गौरतलब है कि 250 करोड़ रूपए के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपी गई है। सीबीआई की जांच तेज गति से नहीं हो रही है। जिससे मामला और अधिक लंबा हो गया है। इस तरह की जांच के दौरान पात्र विद्यार्थियों को कोई लाभ नहीं हो रहा है। छात्रवृत्ति न प्राप्त होने से विद्यार्थी आगे की शिक्षा प्राप्त करने से वंचित है। उन्होंनें कहा कि मामले में सीबीआई ने पिछले कल आईपीसी की धाराओं 409, 419, 465, 466, 471 के तहत केस दर्ज किया है। लेकिन इस छात्रवृत्ति घोटाले में एक्टोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि संगठन की शिकायत पर राज्य सरकार ने बीते वर्ष यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था। पिछले कई महीनों से सीबीआई इस मामले की गहन पड़ताल कर रही थी। छात्रवृत्ति घोटाले में कई बड़े नामी निजी शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। इनमें प्रदेश से ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर के शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं।