शिमला (एमबीएम न्यूज) : आचार्य देवव्रत ने आज यहां राजभवन में आयोजित सादे लेकिन गरिमापूर्ण समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ली। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मन्सूर अहमद मीर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और लेडी गवर्नर दर्शना देवी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राज्यपाल को इस अवसर पर शानदार गार्ड ऑॅफ ऑनर दिया गया। मुख्य सचिव पी मित्रा ने राज्यपाल की नियुक्ति का वारंट पढ़ा।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल, नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा, हरियाणा सरकार के मंत्री कर्ण देव कम्बोज व अनिल विज, मुख्य संसदीय सचिव, राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार, विधायकगण, विभिन्न निगमों एवं बोर्डों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, नगर निगम के उप- महापौर टिकेंद्र पंवर, लोकायुक्त एलएस पांटा, हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस वीके शर्मा, राज्य चुनाव आयुक्त टीजी नेगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक संजय कुमार, पूर्व मंत्री एवं विधायकगण, महाधिवक्ता श्रवण डोगरा, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सेना, पुलिस व अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिक्षाविद की उत्कृष्ट सेवाएं
देवव्रत का जन्म 18 जनवरी, 1959 को हरियाणा में हुआ। उन्होंने हिन्दी और इतिहास विषयों में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ एवं कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से क्रमश: 1984 और 1996 में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 2002 में अखिल भारतीय नेचरोपैथी परिषद, नई दिल्ली से नेचरोपैथी एवं यौगिक विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
वह एक शिक्षाविद रहे हैं और 34 वर्षों तक सम्प्रति गुरूकुल कुरूक्षेत्र में प्राचार्य के रूप में सेवाएं दी हैं। वह पर्यावरण संरक्षण, योग प्रोत्साहन, युवाओं में नैतिक मूल्यों के प्रादुर्भाव, गौवंश नस्ल के संरक्षण, जैविक कृषि, कन्या शिक्षा के प्रोत्साहन, आयुर्वेद एवं नेचरोपैथी इत्यादि जैसे क्षेत्रों में समाज सेवक के रूप में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने समाज को विशेषकर बच्चों एवं युवाओं को हमारी समृद्ध संस्कृति के बारे में जागरूक करने और देशभक्ति जैसे उच्च मूल्यों के प्रसार के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।
देवव्रत को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2002 में अमेरिकन मैडल ऑफ ऑनर, वर्ष 2003 में भारत ज्योति सम्मान, वर्ष 2006 में हिमोत्कर्ष राष्ट्रीय एकात्मकता पुरस्कार, वर्ष 2009 में जनहित शिक्षक श्री सम्मान और वर्ष 2011 में अक्षय उर्जा सम्मान इत्यादि जैसे विभिन्न सम्मानों से नवाजा गया है। उन्होंने स्वास्थ्य का अनमोल मार्ग-प्राकृतिक चिकित्सा (हिन्दी एवं अंग्रेजी संस्करण), गुरूकुल कुरूक्षेत्र का गौरवशाली इतिहास जैसी पुस्तकें लिखने के अतिरिक्त अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन और अनुवाद कार्य भी किए हैं। उन्होंने गुरूकुल के सुदृढ़ीकरण के लिए बहुमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं।