एमबीएम न्यूज/नाहन
4 मई को मुख्यमंत्री की सराहां रैली में मंच पर बलदेव भंडारी द्वारा दयाल प्यारी के साथ बदसलूकी की घटना में अब फिर दिलचस्प बात सामने आई है। रैली के समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का रैस्ट हाऊस में लंच रखा गया था। इसी लंच से जुड़ी दो तस्वीरों में जिला परिषद सदस्या दयाल प्यारी भी नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों में मार्किटिंग बोर्ड चेयरमैन व बीजेपी के शीर्ष नेता बलदेव भंडारी भी डाईनिंग टेबल पर बैठे हुए हैं।
बाकायदा मुख्यमंत्री सहित अन्य शीर्ष नेताओं को लंच परोसने की जिम्मेदारी निभा रही हैं। सवाल इस बात पर उठ रहा है कि अगले 24 घंटों में ऐसा क्या हुआ कि बवाल मच गया। हालांकि मीडिया के कुछ सेक्षन में वीडियो प्रसारित हुआ, लेकिन रैली के बाद पार्टी में सबकुछ ठीकठाक था। यहां तक की मुख्यमंत्री के समक्ष भी बदसलूकी की बात नहीं रखी गई। ऐसी परिस्थितियों में आशंका यह भी जाहिर की जा रही है कि कहीं न कहीं पार्टी की अंदरूनी लड़ाई का ही नतीजा है कि वीडियो को आधार बनाकर कोई तीर चलाया गया है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि भंडारी के व्यवहार को लेकर सराहां हलके में कार्यकर्ताओं सहित लोगों में नाराजगी है। महज दो से तीन दिन के भीतर इस वीडियो से इतना बवाल मचा कि बीजेपी के न केवल भंडारी को न केवल कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा बल्कि एससी/एसटी एक्ट में मामला भी दर्ज हो गया। अटकलों के मुताबिक दलित संगठन चाह रहे थे कि गिरफ्तारी को लेकर दयाल प्यारी धरने पर बैठे, लेकिन ऐसा नहीं किया। आशंका जाहिर की जा रही है कि बीजेपी के ही शीर्ष नेता से झंडी मिलने के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
उधर आलम यह रहा कि रविवार को चौगान मैदान में आयोजित बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की अमित शाह की रैली से भंडारी व दयाल प्यारी को दूरियां बनानी पड़ी। लाजमी सी बात है कि भंडारी को जमानत न मिलने की वजह से दूर रहना पड़ा हो, लेकिन प्रश्न इस बात पर भी पैदा होता है कि जिला परिषद सदस्य दयाल प्यारी क्यों नहीं पहुंची।