एमबीएम न्यूज़/शिमला
सेना के पराक्रम को लेकर राजनीतिकरण पर भाजपा पहले ही विवादों में घिरी है। चुनाव में तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर गाहे-बगाहे चुनाव आयोग को लगातार शिकायत भी कर रहे हैं। हिमाचल में शुक्रवार को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है। कांगड़ा संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार किशन कपूर के नामांकन के बाद दाढ़ी में आयोजित जनसभा में आईटीबीपी के सेवानिवृत कंमांडेंट ओम प्रकाश चौधरी ने वर्दी पहन कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।
यही नहीं उन्होंने बावर्दी भाजपा का पटका पहन कर मुख्यमंत्री के अलावा मंच पर बैठे भाजपा के दो अन्य बड़े नेताओं को सैल्यूट कर नियमों की तमाम सीमाएं लांघ दी। कांगड़ा के सोहड़ गांव के रहने वाले ओम प्रकाश चौधरी इस बारे में तर्क देते हैं कि उनकी अंतिम पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में थी। उन्होंने सेवानिवृति के समय ही वर्दी में भाजपा में शामिल होने की परमिशन ले ली थी। अब सवाल इस बात पर उठता है कि राजनीतिक मंच पर जा कर किसी पार्टी का सदस्य बनने के लिए बावर्दी परमिशन उन्हें किसने दी ?
अगर ऐसा हुआ तो भी मुख्यमंत्री समेत अन्य वरिष्ठ भाजपाई नेताओं ने ऐसा अपने सामने क्यों होने दिया। एक अनुशासित अर्द्ध सैनिक बल के कंमांडेंट रैंक से सेवानिवृत हुए अधिकारी को पटका पहनाना व उसके बाद सैल्यूट ग्रहण करना भाजपाई नेताओं की कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है। कार्यक्रम की तस्वीरें वायरल हो रही है।