एमबीएम न्यूज़/ पांवटा साहिब
पांवटा कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा महिमा पुंडीर का चयन सीनियर महिला हॉकी के नेशनल कैंप के लिए हुआ है। महिमा ने यह कामयाबी सीनियर, जूनियर व सब जूनियर हॉकी में बेहतर खेल के प्रदर्शन के दम पर हासिल की है। कैंप 26 अप्रैल से 9 जून 2019 तक बंगलुरु में चलेगा। हरियाणा के हिसार में सीनियर नेशनल टूर्नामेंट 1 से 8 फरवरी 2019 तक आयोजित हुआ था। जिसमें हिमाचल की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। प्रदेश हॉकी की टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। जिसमें महिमा ने बतौर गोलकीपर शानदार प्रदर्शन किया था। जिसके बाद महिमा का चयन सीनियर महिला हॉकी इंडिया कैंप के लिए हुआ हैं। इससे पहले महिमा ने माजरा हॉकी हास्टल से गोलकीपर के रूप में भी राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन किया।
ट्रांसगिरि के दुगाना की महिमा के पिता दीपचंद पुंडीर, मां गुलाबी देवी व सबसे बड़ी बहन शारीरिक शिक्षिका कमलेश तोमर ने बताया कि महिमा की शुरू से ही हॉकी के प्रति रुचि रही है। जिसके चलते ट्रायल के बाद हिमाचल शिक्षा विभाग के माजरा हॉकी हॉस्टल में प्रवेश मिला। महिमा ने कड़ी मेहनत कर गोलकीपर के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। महिमा की उपलब्धि के लिए परिजनों ने इसका श्रेय माजरा हॉस्टल के हॉकी कोच चंद्रशेखर व वेद प्रकाश शर्मा को दिया है। महिमा को परिजनों के अलावा कोच व अन्य अध्यापकों ने बेहतर खेल दिखा कर देश के प्रतिनिधत्व की शुभकामनाएं दी है।
महिमा ने कहा कि बड़ी बहन कमलेश तोमर खुद भी राज्य स्तर की वॉलीबाल खिलाड़ी रही है। अपने कोच व बड़ी बहन के मार्गदर्शन से करियर में आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। अपने परिजनों, बढ़ी बहन व हॉकी कोच की उम्मीदों की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करूंगी। इंडिया की कप्तान रही अर्जुन अवॉर्डी सीता गोसाईं के बाद महिमा पुंडीर माजरा हॉस्टल से निकलकर इंडिया टीम में प्रवेश की दहलीज पर खड़ी है।
90 के दशक में भारतीय हॉकी टीम की कप्तान रही सीता गोसाईं माजरा स्पोर्ट्स हॉस्टल की नर्सरी से निकलकर भारतीय टीम की कप्तान बनी थी। उसके बाद सीता ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 में शानदार खेल दिखाते हुए इंडिया महिला हॉकी टीम को गोल्ड दिलवाया था। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान सीता गोसाईं भारत की एकमात्र खिलाडी थी, जिन्हे भारत की पुरुष हॉकी टीम का सितम्बर 2009 में चयनकर्ता बनाया गया था। महिमा पुंडीर माजरा हॉस्टल के साथ- साथ हिमाचल को सीता के बाद हॉकी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाने के लिए अब बंगलुरु में आयोजित कोचिंग कैंप में पसीना बहाएंगी।
दुगाना की बेटियां तेजी से शिखर की तरफ बढ़ रही है। एक माह के भीतर एक पुलिस में सब इंस्पेक्टर बनी तो एक ने आईआईएम कोलकत्ता से एमबीए की डिग्री हासिल की।
यह भी है खास
फेडरेशन ने देश भर से आठ गोलकीपर का चयन किया है। इसमें महिमा पुंडीर सबसे युवा है। महज 19 साल 6 महीने की उम्र में महिमा इस मुकाम पहुंची है। करीब-करीब यह तय है कि महिमा का चयन भारतीय महिला जूनियर हॉकी टीम के लिए हो जाएगा। महिमा का कद भी अन्य खिलाडियों की तुलना में बेहतरीन है।