एमबीएम न्यूज/कुल्लू
24 मार्च 2001 को रजत का जन्म होता है। करीब 10 साल पहले करंट लगने से झुलस जाता है। हालत इस कद्र नाजुक थी कि कंधे के पास से दोनों बाजू काटने पड़े। बावजूद इसके रजत ने जीवन की चुनौती का ऐसा सामना किया कि देखने वाले हैरान हो गए हैं। असफलता पर हताश होने वाले युवाओें के लिए रजत मिसाल बन गया है।
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि रजत ने 12वीं की परीक्षा मुंह से पेन पकड़ कर दी। केवल उत्तीर्ण ही नहीं हुआ, बल्कि 88.80 प्रतिशत अंक हासिल कर हर किसी को दंग कर दिया है। हिमालयन मॉडल सीनियर सैेकेंडरी स्कूल आनी के छात्र रजत ने 2009 में अपने हाथ गवां दिए थे। गैंगरीन के डर से चिकित्सकों ने तुरंत ही ऑपरेशन करने का फैसला लिया था। रजत की इस सफलता में शारीरिक अध्यापक के पद पर कार्यरत पिता जयराम व माता दिनेश कुमारी ने रजत के हौंसले को टूटने नहीं दिया।
उल्लेखनीय है कि दसवीं की परीक्षा में रजत ने मुुंह से लिखकर ही 87 फीसदी (613/700) अंक हासिल किए थे। फुटबॉल खिलाड़ी होने के साथ-साथ रजत एक बेहतरीन चित्रकार भी है। परिजनों की मानें तो पैरों के सहारे गोल रोटियां भी बना लेता है। कुल मिलाकर रजत ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे हर कोई हैरान है। भविष्य में रजत इसी तरीके से सफलता की सीढि़यां चढ़ना चाहता है।