एमबीएम न्यूज/नाहन
टीन एजर बच्चों को भौतिकवाद की दुनिया आकर्षित करती है। इस उम्र में एक वर्ग कैरियर के प्रति सजग हो जाता है तो कुछ रास्ते से भी भटक जाते हैं। यहां आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि शहर के शिशु विद्या निकेतन स्कूल में जमा दो की पढ़ाई कर रही अमीषा चौहान ने दसवीं की कक्षा में मैसूर में अष्टांग योगा की टीचर ट्रेनिंग का कोर्स कर लिया था।
करीब दो साल तक नियमित रूप से प्रैक्टिस करती रही। अब हरेक रविवार को आर्मी ग्राऊंड में जवानों व सैन्य अधिकारियों के बच्चों को अष्टांग योगा की दीक्षा देती है। मां रीतिका चौहान भी अष्टांग योगा की एक्सपर्ट हैं। जबकि पिता विनय चौहान एक बेहतरीन सुर के धनी हैं। करीब एक साल पहले विनय चौहान अपनी म्यूजिक एलबम्स को लेकर खासे चर्चा में आए थे। अहम बात यह है कि योगा सीखते वक्त बच्चों को अपनी टीचर काफी फ्रेंडली लगती है। यही कारण है कि बच्चे हर सप्ताह योगा क्लास का इंतजार बेसब्री से करते हैं। हालांकि परिवार के कई सदस्य अध्यात्म व योगा से जुड़े हुए हैं, लेकिन अमीषा को सिंगापुर में रह रही बुआ मनीषा से प्रेरणा मिली है।
संभव हो सकता है कि अमीषा प्रदेश भर में अष्टांग योगा की सबसे कम उम्र की टीचर हो। योगा के प्रति गहरा लगाव रखने वाली अमीषा जमा दो में नॉन मेडिकल संकाय की पढ़ाई कर रही है। बातचीत के दौरान अमीषा ने बताया कि जीवन का लक्ष्य तय नहीं किया है। यह भी कहना था कि करीब तीन महीने से योगा क्लास ले रही हैं। इसमें लगभग 40-50 बच्चे शामिल होते हैं।